डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हरियाणा के फरिदाबाद में 6,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए अमृता अस्पताल का उद्घाटन किया. यह अस्पताल 133 एकड़ क्षेत्र में बनाया है और इसमें 2,600 बेड्स का प्रबंध किया जाएगा. दिल्ली-मथुरा रोड पर फरीदाबाद के सेक्टर 88 स्थित इस अस्पताल में शुरुआत में 500 बेड की व्यवस्था रहेगी और अगले पांच वर्षों में इसे चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक, पूरी तरह तैयार होने के बाद यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और देश के सबसे बड़े निजी अस्पतालों में शुमार हो जाएगा. इसमें शोध के लिए समर्पित एक सात मंजिला ब्लॉक भी होगा. अस्पताल की मुख्य इमारत 14 मंजिलों की होगी और इसके शीर्ष पर एक हेलीपैड भी होगा.
उन्होंने कहा कि अमृता अस्पताल के रूप में फरीदाबाद में आरोग्य का इतना बड़ा संस्थान स्थापित हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह अस्पताल इमारत व प्रौद्योगिकी के हिसाब से जितना आधुनिक है, सेवा, संवेदना और आध्यात्मिक चेतना के हिसाब से भी उतना ही अलौकिक है. उन्होंने कहा, "आधुनिकता और आध्यात्मिकता का समागम गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की सेवा का, उनके लिए सुलभ प्रभावी इलाज का मध्यम बनेगा."
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इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई कि अमृता अस्पताल देश के दूसरे सभी संस्थानों के लिए भी एक आदर्श बनेगा. उद्घाटन के बाद कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार पूरी निष्ठा और ईमानदारी से देश के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र का कायाकल्प करने का "मिशन मोड" में प्रयास कर रही है और इसके लिए सामाजिक संस्थाओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है तथा निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी कर प्रभावी सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी (पीपीपी) की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि धार्मिक और सामाजिक संस्थानों द्वारा शिक्षा व चिकित्सा से जुड़ी जिम्मेदारियों के निर्वहन की व्यवस्था एक तरह से पुराने समय से है और यह पीपीपी मॉडल ही है लेकिन वह इसे "परस्पर प्रयास" के तौर पर भी देखते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य अपने स्तर से व्यवस्था खड़ी करते हैं और बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों के निर्माण में भूमिका निभाते हैं लेकिन साथ ही धार्मिक संस्थान भी इसका एक महत्वपूर्ण केंद्र होते हैं. उन्होंने कहा, "आज देश भी यह कोशिश कर रहा है कि सरकार पूरी निष्ठा और ईमानदारी से मिशन मोड में देश के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र का कायाकल्प करे. इसके लिए सामाजिक संस्थाओं को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है. निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी कर प्रभावी पीपीपी मॉडल तैयार हो रहा है."
इनपुट- PTI
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