डीएनए हिंदी: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा जिले के रोड़े गांव से गिरफ्तार किया है. जरनैल सिंह भिंडरावाले इसी गांव का रहने वाला है. इसी गांव में पिछले साल अमृतपाल सिंह को 'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया बनाया गया था. यह माना जा रहा है कि अमृतपाल सिंह ने सोची-समझी रणनीति के तहत इस गांव के गुरुद्वारे के बाहर गिरफ्तारी दी. गिरफ्तारी से पहले उसने गुरुद्वारे में संगतों को संबोधित किया और कई अहम बातें कहीं. अमृतपाल ने यह भी कहा है कि वह 'झूठ के पुलिंदे' को नष्ट कर देगा.
पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने रोड़े गांव में उसे घेर लिया था जिससे उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं थी. उन्होंने कहा कि इसके बाद 29 वर्षीय अमृतपाल को सुबह छह बजकर 45 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया गया. गिल ने कहा, 'अमृतपाल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है. अमृतपाल सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत वारंट जारी किए गए थे और आज सुबह इन्हें तामील किया गया. कानून अपना काम करेगा.'
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इसी गांव में हुई थी अमृतपाल की दस्तार बंदी
सोशल मीडिया पर अमृतपाल को हिरासत में लिए जाने की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं और इनमें वह पारंपरिक सफेद वस्त्र पहने हुए दिखाई देता है. एक वीडियो में अमृतपाल यह कहता दिखता है कि वह सरेंडर कर रहा है. वीडियो में वह यह भी कहता सुनाई देता है, 'यह संत जरनैल सिंह भिंडरावाले का जन्म स्थान है. यह वही स्थान है जहां मेरा ‘दस्तार बंदी’ (पगड़ी बांधना) समारोह हुआ था. हम जीवन के अहम मोड़ पर खड़े हैं. पिछले एक महीने में जो भी हुआ है, वह सब आपने देखा है.'
वीडियो में वह यह कहता है, 'एक महीने पहले सिखों के खिलाफ सरकार ने ज्यादती की. अगर केवल मेरी गिरफ्तारी का सवाल होता तो शायद गिरफ्तारी के और भी कई तरीके होते जिन पर मैं सहयोग करता. ईश्वर की अदालत में, मैं दोषी नहीं हूं लेकिन दुनिया की अदालत में दोषी हो सकता हूं. एक महीने बाद, मैंने तय किया है कि हम इस जमीन पर लड़ेंगे और कभी यह जमीन नहीं छोड़ेंगे. मैं अदालतों में झूठे मुकदमों का सामना करूंगा, जो पुलिस ने मेरे खिलाफ दर्ज किए हैं. यह गिरफ्तारी कोई अंत नहीं, यह एक शुरुआत है.'
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अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोड़े ने दावा किया कि अमृतपाल ने आत्मसमर्पण किया है और उस वक्त वह भी मौजूद थे. उन्होंने मोगा में पत्रकारों से कहा कि अमृतपाल ने एक सभा को संबोधित किया और बाद में आत्मसमर्पण करने के लिए गुरुद्वारे से बाहर आया. वहीं, एक अन्य वीडियो में अमृतपाल, भिंडरावाले की तस्वीर के सामने बैठा हुआ दिखता है. पुलिस ने अजनाला थाने पर हमला करने के बाद 18 मार्च को अमृतपाल सिंह और उसके संगठन 'वारिस पंजाब दे' के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद से वह फरार था. पुलिस ने खालिस्तान समर्थक के खिलाफ सख्त NSA लगाया था.
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