डीएनए हिंदी: देशभर में सब्जी के बढ़ते दामों ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है. पिछले कई महीने से टमाटर, मिर्च और अदरक के बढ़ते भाव ने किचन का स्वाद बिगाड़ रखा है. इस बीच आम जनता को एक और बढ़ा झटका लगने वाला है. सब्जी के बाद अब फल आम आदमी की जेब ढीली करने वाला है. जानकारी के मुताबिक, सेब की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका है. पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश की वजह से सेब के दाम 20 से 30 प्रतिशत बढ़ सकते हैं.
दरअसल, पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसकी वजह से बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाएं हो रही हैं. इस वजह से पेड़ उखड़ रहे हैं और फल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बाढ़ की चपेट में आने से सेब की फसल भी खराब हो रही है. इतना ही नहीं जो रास्ते बंद होने की वजह से सेब बाजारों तक भी नहीं पहुंच रहे हैं. सेब थोक विक्रेताओं के मुताबिक, बाजार में सेब की कमी की चलते उसकी कीमतें बढ़ेंगी.
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कितना महंगा होगा सेब?
एक सेब विक्रेता ने कहा कि सेब की कीमतें पिछले हफ्ते से बढ़नी शुरू हो गई हैं. मैं पहले शिमला सेब 150 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेच रहा था, लेकिन अब 180 रुपये किलो में बेचने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि आम तौर पर इस मौसम में सेब कीमतें कम होने लगती हैं, लेकिन इस बाहर पहाड़ों में हो रही बारिश की वजह से इसके दाम ऊंचे रहने की आशंका है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनो में सेब की कीमतें 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं.
कारोबारी ने कहा कि सेब की अधिकांश आपूर्ति शिमला के रोहड़ू, कुल्लू-मनाली के कुछ हिस्सों और जम्मू-कश्मीर जैसे क्षेत्रों से होती है. लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से सेब मंडी तक पहुंच ही नहीं पा रहा है. रास्ता बंद होने की वजह से ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से प्रभावित है.
किसानों ने सेब के पैकेज का आकार बदला
उन्होंने बताया कि थोक बाजार में 25-26 किलोग्राम शिमला सेब से भरा टोकरा जो पहले 2800 रुपये में बिकता था वो अब 3500 रुपये में बेचा जा रहा है. मुझे यकीन है कि इस साल पिछले वर्ष के मुकाबले सेब का फ्लो कम रहेगा. इसलिए इसकी कीमतों में उछाल होगा. हालात को देखते हुए किसान भी सेब के पैकेज का आकार बदल रहे हैं. पहले रॉयल गाला सेब का 25 किलो का बॉक्स आता था, लेकिन इस साल किसान 10 किलो के रॉयल गाला बॉक्स तैयार कर रहे हैं.
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