क्या पुलिस कर सकती है आर्मी जवान को गिरफ्तार? जयपुर में कमांडो को नंगा करके पीटने से उठे सवाल, जानें क्या है कानून

| Updated: Aug 13, 2024, 10:59 AM IST

Jaipur के शिप्रा पथ थाने में सेना के कमांडो को नंगा करके पीटने की घटना के बाद हंगामा मचा हुआ है. पुलिस सब इंस्पेक्टर और तीन कॉन्स्टेबल को हटा दिया गया है. वहीं अब ये सवाल खड़े हो रहे हैं क्या पुलिस किसी जवान को गिरफ्तार कर सकती है.

Jaipur News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के शिप्रा पथ थाने में सेना के कमांडो को निर्वस्त्र कर पीटने के मामले में हंगामा मचा हुआ है. राज्य सरकार के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने थाने में पहुंचकर पुलिस को फटकार लगाई है. राठौड़ के एक्टिव होने के बाद पुलिस सब इंस्पेक्टर और तीन कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर पुलिस लाइन भेज दिया गया है . उनके खिलाफ जांच के जांच के आदेश भी दिए गए है. लेकिन अब ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या पुलिस किसी फौजी को सीधे अरेस्ट कर सकती है?.

जानिए क्या कहते हैं इस बारे में नियम

जयपुर की घटना के बाद ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या पुलिस के पास फौज के जवान को गिरफ्तार करने का अधिकार है? तो चलिए बतातें है क्या है इसका जवाब... पुलिस और आर्मी दोनों ही सरकार के अलग-अलग विभाग हैं और दोनों के अलग-अलग काम होते हैं. पुलिस और आर्मी दोनों के पास गिरफ्तारी के विशेष गाइडलाइंस और नियम हैं. 

धारा 45 के अनुसार, आर्मी के किसी भी सदस्य को उसके द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में किए गए या किए जाने के किसी कार्य के लिए केंद्र सरकार की सहमति के बिना पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकत है. अन्य मामलों में जैसे  रेप, मर्डर और किडनैंपिंग के मामले में पुलिस सैन्य जवान की गिरफ्तारी कर सकती है, लेकिन उसे तत्काल गिरफ्तारी के बारे में उसके कमांडिंग ऑफिसर को सूचित करना आवश्यक होता है.पुलिस के पास किसी भी आर्मी के जवान को हथकड़ी पहनाने का अधिकार नहीं है.  


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2 घंंटे से ज्यादा नहीं रखसकते हैं हिरासत में

पुलिस अगर आर्मी अफसर को गिरफ्तार करती है तो उसे 2 घंटे से ज्यादा जेल में नहीं रख सकती है. जवान पर कार्रवाई करने के लिए सेना के वरिष्ठ अधिकारी (मेजर जनरल) को सूचित कर अनुमति लेनी होती है. वरिष्ठ अधिकारी अगर पुलिस को अनुमति नहीं देता है तो जवान को आर्मी के हवाले करना होता है. इससे आर्मी उस जवान पर कार्रवाई करती है. सिर्फ सिविल मामले में ही पुलिस के पास अधिकार होता कि वो जवान से पुछताछ कर सके.

क्या है जयपुर की घटना

दरअसल, जयपुर में पुलिस ने एक हुक्का बार की छापामारी में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें एक आर्मी का जवान भी शामिल था, जिसके सूचना मिलते ही जम्मू-कश्मीर में तैनात उसका अन्य साथी अरविंद सिंह जब पुलिस थाने पहुंचे तो उनके साथ भी मारपीट की गई.जिसकी जानकारी होते ही सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ थाने पहुंचे और पुलिस को फटकार लगाई. 

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