डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर से राहत भरी खबर आई है. 6 दिन पहले कुलगाम में लापता हुए सेना के जवान को पुलिस और सेना ने मिलकर ढूंढ़ निकाला है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसकी पुष्टि ट्वीट करके की है. सेना के जवान को फिलहाल मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है जिसके बाद उनसे पूछताछ की जाएगी. लद्दाख में तैनात जावेद अहमद वानी पिछले सप्ताह घर से कुछ सामान खरीदने निकले थे जिसके बाद उनकी कार मिली. कार में उनके चप्पल और खून के छींटे थे. जवान को ढूंढ़ने के लिए सेना और पुलिस ने सघन ऑपरेशन चलाया. लापता होने के बाद से अटकल लगाई जा रही थी कि आतंकवादियों ने जवान को अगवा कर लिया है. मेडिकल जांच के बाद पूछताछ में कई राज़ सामने आ सकते हैं.
सेना और पुलिस ने तलाशी के लिए चलाया सघन अभियान
कश्मीर में पिछले कुछ वक्त से सेना और पुलिस के लोगों को आतंकियों ने निशाना बनाना शुरू कर दिया है. जावेद अहमद वानी के लापता होने के बाद से आशंका जताई जा रही थी कि आतंकी संगठनों ने उनका अपहरण कर लिया है. लापता होने की सूचना मिलने के साथ ही सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अलग-अलग हिस्सों में सर्च अभियान शुरू कर दिया था. शुक्रवार को ही जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा था कि जवान की लोकेशन मिल गई है और जल्द उनको वापस लाया जाएगा. अच्छी बात यह है कि वानी को सुरक्षित वापस लाया जा सका.
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बता दें कि रविवार को छुट्टी पर आए वानी अपनी कार से घर का कुछ सामान खरीदने निकले थे. काफी देर तक जब वह नहीं लौटे तो परिवार के लोग उन्हें ढूंढ़ने के लिए निकल गए और उनकी कार मिली. कार में वानी के चप्पल और खून के निशान थे. इसके बाद सेना और पुलिस को सूचना दी गई. 6 दिनों तक परिवार की जान अटकी हुई थी लेकिन शुक्रवार की देर रात आखिरकार उनका पता लगा लिया गया और उन्हें रेस्क्यू कर लिया गया है. फिलहाल जवान की मेडिकल जांच हो रही है और उसके बाद पूछताछ की जाएगी.
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जवान के पिता ने बेटे को छोड़ने के लिए की थी मार्मिक अपील
जावेद अहमद वानी ने अपहरणकर्ताओं से बेटे को छोड़ने की मार्मिक अपील की थी. उन्होंने कहा था कि बेटा घर में अकेला कमाने वाला सदस्य है और परिवार के सब लोग उस पर निर्भर हैं. वानी के पिता ने कहा था कि अगर अगवा करने वाले चाहते हैं कि उसकी नौकरी छुड़ा दी जाए तो वह बेटे से नौकरी छोड़ देने के लिए कहेंगे. आखिरकार सेना और पुलिस की कोशिशें रंग लाई हैं और जवान को सुरक्षित रिहा करा लिया गया है.
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