डीएनए हिंदी: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति से संबंधित एक मामले में पूछताछ के लिए गुरुवार को प्रवर्तन निदेशाल (ED) के समक्ष पेश नहीं हुए. उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसी को पत्र लिखकर उन्हें भेजे गए समन को वापस लेने की मांग की और कहा कि यह नोटिस गैरकानूनी और राजनीतिक से प्रेरित है. इसके बाद केजरीवाल चुनाव प्रचार करने मध्य प्रदेश पहुंच गए. यहां सिंगरौली रोड शो करने के बाद केजरीवाल ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, 'मेरे शरीर को गिरफ्तार कर सकते हो लेकिन मेरी सोच को कैसे गिरफ्तार करोगे. केजरीवाल लाखों लोगों के दिल में बसा हुआ है.'
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'केजरीवाल जेल जाने से नहीं डरता. हमने कोई घोटाला नहीं किया है. तुम्हारी 2014 से देश में सरकार है. आज बच्चा-बच्चा पूछ रहा है कि देश में कितने स्कूल बनाए. आप किस-किस का मुंह बंद करोगे. लाखों-करोड़ों लोगों के दिल में केजरीवाल है. उन करोड़ों लोगों की भीड़ कैसे गिरफ्तार करोगे. हम अन्ना आंदोलन से निकले हैं.'
नतीजे के दिन में जेल में होंगा?
सिंगरौली की जनता को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि जहां-जहां आम आदमी पार्टी प्रचार करने जाती है, वहां-वहां चुनाव जीतना शुरू कर देती है. जैसे आपने पिछले चुनाव में रानी अग्रवाल को समर्थन दिया था, वैसे ही इस बार भी दीजिएगा. सिंगरौली से जीत की शुरुआत होगी और मध्य प्रदेश के कोने-कोने में पहुंचेगी. केजरीवाल ने कहा कि जिस दिन चुनाव के नतीजे आएंगे मुझे पता है मैं जेल में होंगा या बाहर. लेकिन आपकी आवाज ऐसी गूंजनी चाहिए कि सिंगरौली में केजरीवाल आया था और उन्हें हमने ऐतिहासिक जीत का तोहफा देकर भेजा.
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केजरीवाल ने समन के बताया गैरकानूनी
बता दें कि ईडी ने अरविंद केजरीवाल को कथित दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था और वह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज करने वाली थी. इस मामले में केजरीवाल की पार्टी के सहयोगी मनीष सिसोदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं. इससे पहले दिन में आम आदमी पार्टी (आप) के एक नेता ने कहा था कि केजरीवाल मध्य प्रदेश के सिंगरौली जाएंगे जहां वह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ एक रोडशो में हिस्सा लेंगे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि जांच एजेंसी के नोटिस पर अपने जवाब में केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि समन गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरितहै और इसका उद्देश्य उन्हें चुनावी राज्यों में चुनाव प्रचार अभियान में हिस्सा लेने से रोकना है. उन्होंने दावा किया कि अनावश्यक पूछताछ के लिए उन्हें यह नोटिस भाजपा के इशारे पर भेजा गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि जांच एजेंसी ने उन्हें किस हैसियत से पूछताछ के लिए बुलाया है? उन्होंने कहा, ‘‘उक्त समन में यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें एक गवाह या संदिग्ध, किस हैसियत से पूछताछ के लिए बुलाया गया है.’
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