Lok Sabha Elections 2024: केजरीवाल को जमानत से दिल्ली में बीजेपी को होगा नुकसान? समझें राजनीतिक समीकरण

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: May 12, 2024, 12:51 PM IST

अरविंद केजरीवाल के बेल से बीजेपी को होगा नुकसान?

AAP Vs BJP In Delhi: सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम राहत के बाद अरविंद केजरीवाल अब दिल्ली और पंजाब में सक्रिय ढंग से चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इससे बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बज गई है?

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में बीजेपी के लिए दिल्ली की सातों सीटें जीतना एक बड़ी चुनौती है. पार्टी लगातार तीसरी बार सातों सीटें जीतकर इतिहास रचना चाहती है. दूसरी ओर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (INDIA Alliance) मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी ने क्लीन स्वीप के लिए 7 में से 6 उम्मीदवार बदल दिए हैं. पार्टी ने बांसुरी स्वराज जैसे युवा चेहरों को मौका दिया है. हालांकि, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के जमानत पर बाहर होने के बाद चुनावी हवा बदलने के भी कयास लगाए जा रहे हैं. समझें इसके रणनीतिक मायने. 

अरविंद केजरीवाल को मिलेगी जनता की सहानुभूति? 
दिल्ली शराब नीति केस (Delhi Liquor Policy Case) में अरविंद केजरीवाल को भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अरेस्ट किया है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है. इस दौरान केजरीवाल दिल्ली और पंजाब में अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. प्रचार की शुरुआत ही आप संयोजक ने जनता की सहानुभूति बटोरने वाले अंदाज में की है. 


यह भी पढ़ें:  चौथे चरण के चुनाव के लिए थमा प्रचार, गिरिराज सिंह सहित इन नेताओं की क़िस्मत EVM में होगी बंद 


जेल में इंसुलिन नहीं देने से लेकर मारने की साजिश तक का आरोप बीजेपी और जांच एजेंसी पर लगा चुके हैं. आम आदमी पार्टी के समर्थकों को उम्मीद है कि जनता की पूरी सहानुभूति केजरीवाल के साथ है. हालांकि, यह सहानुभूति वोटों में बदलती है या नहीं यह देखना होगा.

BJP के पास भी है अपनी सटीक रणनीति 
दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल को भले ही 2015 और 2020 में सफलता मिली हो, लेकिन लोकसभा चुनाव में उनका मैजिक नहीं चला है. दिल्ली की जनता लगातार दो लोकसभा चुनाव में सातों सीटें पीएम मोदी के नाम पर बीजेपी को दे रही है. पार्टी ने स्थानीय सांसदों के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए 6 उम्मीदवार भी बदल दिए हैं.


यह भी पढ़ें: 'कौन हैं राहुल गांधी,' PM नरेंद्र मोदी संग बहस के निमंत्रण पर बीजेपी का जवाब, बढ़ा सियासी पारा  


मोदी की गारंटी, केंद्र सरकार की राशन योजना, उज्ज्वला के लाभार्थी वोटर अभी भी बीजेपी के साथ हैं. इसके अलावा, पीएम मोदी का चेहरा भी हैं. ऐसे में सिर्फ सहानुभूति के भरोसे इंडिया अलायंस के लिए सातों सीटें निकालना बहुत मुश्किल होने वाला है. 

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.