Farmers Protest: 'शुभकरण के कातिलों को दिलाएंगे कड़ी सजा', युवा किसान की मौत पर भड़के केजरीवाल

Written By रईश खान | Updated: Feb 22, 2024, 12:03 AM IST

Arvind Kejriwal

Shubhkaran Singh Death: संगरूर-जींद सीमा पर खनौरी में बुधवार को पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प के दौरान शुभकरण सिंह नामक एक किसान की मौत हो गई.

पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर 22 साल के एक युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई. इस मौत पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि क्या हमने इसी दिन के लिए देश में आजादी की लड़ाई लड़ी थी कि एक दिन हमारी चुनी हुई सरकारें हमारे ही बेटों को अंग्रेजों की तरह शहीद कर दें?

संगरूर-जींद सीमा पर खनौरी में बुधवार को पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प के दौरान शुभकरण सिंह नामक एक किसान की मौत हो गई. पंजाब-हरियाणा सीमा पर शुभकरण सिंह की मौत के साथ ही कुछ अन्य घायल हो गए. यह घटना तब हुई जब प्रदर्शनकारियों ने अपना दिल्ली चलो मार्च फिर से शुरू किया और हरियाणा पुलिस ने शंभू और खनौरी सीमा पर अवरोधक तोड़ने के प्रयासों को विफल करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.

'कातिलों को दिलाएंगे कड़ी सजा'
अरविंद केजरीवाल ने शुभकरण की मौत पर सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, ‘पंजाब के नौजवान शुभकरण की मौत बेहद दुखदाई है. क्या इसी दिन के लिए हमने आजादी की लड़ाई लड़ी थी कि एक दिन अपने ही देश में हमारे द्वारा चुनी हुई सरकारें हमारे ही बेटों को अंग्रेजों की तरह शहीद कर देंगी? उन्होंने कहा, ‘हम पूरी तरह से शुभकरण के साथ हैं और उनके कातिलों को कड़ी सजा दिलवाएंगे.’ 

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी युवा किसान की मौत से दुख जताया. उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मान ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘पोस्टमॉर्टम के बाद मामला दर्ज किया जाएगा. किसान की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. मान ने कहा कि कानून व्यवस्था नियंत्रण में है.


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भगवंत मान ने भी मोदी सरकार को घेरा
हालांकि उन्होंने खनौरी की घटना के संदर्भ में हरियाणा पुलिस पर कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया है. पंजाब के मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि किसान अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्यों नहीं जा सकते. हरियाणा ने उन्हें क्यों रोका? वे शांतिपूर्ण तरीके से हरियाणा की सीमाओं पर पहुंचे, अगर हरियाणा सरकार ने उन्हें नहीं रोका होता, तो वे राष्ट्रीय राजधानी की ओर जा सकते थे, जहां वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करते.’

भगवंत मान ने कहा कि केंद्र उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन के लिए जगह दे सकता था. केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर निशाना साधते हुए मान ने कहा कि किसानों की मांग को लेकर 22 जनवरी 2021 से मोदी सरकार क्या कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर तीन साल में उनसे बात की गई होती तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती. (PTI इनपुट के साथ)

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