Delhi Liquor Policy Case: ईडी के बाद अब CBI के शिकंजे में फंसे Kejriwal, कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड पर भेजा

रईश खान | Updated:Jun 26, 2024, 08:24 PM IST

Delhi CM Arvind Kejriwal (File Photo)

Arvind Kejriwal News: कोर्ट में पेशी के दौरान अरविंद केजरीवाल की तबीयत भी बिगड़ गई थी. जिसके बाद उन्हें एक कमरे में ले जाया गया, जहां उन्हें चाय और बिस्कुट दिए गए.

दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को बड़ा झटका लगा है. राउज एवन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है. सीबीआई ने आज सुबह ही उनको गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने पांच दिन की कस्टडी मांगी थी. लेकिन कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि CBI को 29 जून शाम 7 से पहले उन्हें अदालत में पेश करना होगा.

कोर्ट में अपने आदेश में कहा कि अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल रोजाना 30 मिनट उनसे मुलाकात कर सकती हैं. इसके अलावा रोज तीस मिनट वकील से मुलाकात भी समय दिया है. केजरीवाल की सेहत को देखते हुए कोर्ट ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया है कि उनके खाना और दवाइयों का पूरा ख्याल रखा जाए.

केजरीवाल ने CBI के आरोपों को बताया झूठ
केजरीवाल की रिमांड की अर्जी पर सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट में लंबी बहस हुई. सीबीआई की तरफ से कहा गया कि केजरीवाल ने पूछताछ के दौरान सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल दिया है. इस पर केजरीवाल ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि CBI झूठ बोल रही है. मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया. कोर्ट चाहे तो मेरे बयान पढ़ सकता है. सीबीआई की साजिश मीडिया के सामने मुझे बदनाम करने की है.


यह भी पढ़ें- 'Kejriwal जेल से बाहर न आ जाए, इस कोशिश में लगा पूरा तंत्र', CBI की गिरफ्तारी पर बोलीं पत्नी सुनीता


इसके बाद कोर्ट ने सीबीआई के बयान को पढ़ा और साफ किया कि केजरीवाल के बयान में ऐसा कुछ नहीं है. सीबीआई ने दिल्ली के सीएम की 6 दिन की रिमांड की मांग करते हुए कहा कि बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ की जानी है. केजरीवाल को सबूतों और मामले में अन्य आरोपियों के सामने पेश किया जाना है.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़े.

Arvind Kejriwal Enforcement Directorate CBI CBI Arrests Delhi liquor policy case