दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कंगना रनौत से साफ हो गया है कि बीजेपी तीन कृषि कानूनों को वापस लाना चाहती है. केजरीवाल ने कहा कि दो साल पहले हुए देश के सबसे बड़े किसान आंदोलन के दौरान 750 किसानों की मौत हो गई थी और मोदी सरकार को कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बीजेपी ने फिर से उन कृषि कानूनों को वापस लाने की योजना बनाई है. बीजेपी की सांसद कंगना रनौत ने बयान दिया है कि तीन कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए.’ हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में मंगलवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कंगना ने कहा था कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध केवल कुछ राज्यों में ही हुआ था.
कंगना ने मांगी थी माफी
उन्होंने कहा था, ‘किसान भारत की प्रगति के शक्तिस्तंभ हैं। केवल कुछ राज्यों में ही उन्होंने कृषि कानूनों पर आपत्ति जताई थी. मैं हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि किसानों के हित में कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए.’ लेकिन विवाद होने के बाद भाजपा सांसद ने बुधवार को अपना बयान वापस ले लिया और खेद व्यक्त किया. रनौत ने कहा कि ये उनके निजी विचार हैं और पार्टी के रूख को प्रदर्शित नहीं करते हैं.
किसानों के विरोध के बाद तीन कृषि कानून- कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम - को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया था. किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ था और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ. ये कानून जून 2020 में लागू हुए थे और नवंबर 2020 में निरस्त कर दिए गए. (PTI इनपुट के साथ)
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