डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने हाल ही में जारी की गई अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने की जरूरत है.NPR का जिक्र होते ही एक बार फिर हैदराबाद से लोकसभा के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भड़क उठे हैं. उन्होंने कहा है कि NPR के जरिए NRC को लागू करने की तैयारी कर रही है. उन्होंने यह भी कहा है कि इसके जरिए केंद्र सरकार NRC की ओर अपना पहला कदम रखेगी. ओवैसी ने सरकार की इस रिपोर्ट पर सवाल भी उठा दिए हैं.
दरअसल, हाल ही में कैबिनेट मंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाले केद्रीयगृह मंत्रालय ने 7 नवंबर को प्रकाशित 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि जन्म, मृत्यु और प्रवास की वजह से होने वाले परिवर्तनों को शामिल करने के लिए राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को फिर से अपडेट किया जाएगा जिससे लोगों को जनसांख्यिकी के अनुसार देश के अलग-अलग क्षेत्रों में सुविधाएं उपलब्ध कराईं जा सकें.
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ओवैसी बोले जनगणना कराओ
गृहमंत्रालय का यह बयान असदुद्दीन ओवैसी को विवादित लगा है. उन्होंने इस मुद्दे पर ट्वीट करके कहा है कि एनपीआर एनआरसी की ओर पहला कदम है, जो किसी को भी आपकी नागरिकता पर आपत्ति करने की अनुमति देगा. यह वास्तविक भारतीयों को संदिग्ध नागरिक बना देगा. सरकार जनगणना नहीं कर रही, जो कानूनी रूप से अनिवार्य है लेकिन NPR (जो असंवैधानिक है) उसे करना चाहती है. उन्होंने आगे लिखा, एनपीआर छोड़ें, जनगणना करें.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एनपीआर नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत बनाए गए नागरिकता नियम, 2003 के विभिन्न प्रावधानों के तहत तैयार किया गया है. गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट में कहा, 2015 में कुछ क्षेत्रों जैसे नाम, लिंग, जन्म तिथि और जन्म स्थान, निवास स्थान और पिता का और माता का नाम अपडेट किया गया और आधार, मोबाइल और राशन कार्ड नंबर एकत्र किए गए थे.
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खुद अपडेट कर सकते हैं NPR
वहीं इस मामले में MHA ने कहा है कि NPR को अपडेट करने में किसी प्रकार का कोई झंझट है ही नहीं क्योंकि इसे पोर्टल के जरिए ही अपडेट किया जा सकता है. गृहमंत्रालय ने कहा है कि एनपीआर को खुद से अपडेट किया जा सकता है, क्योंकि वेब पोर्टल पर कुछ प्रमाणीकरण प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद निवासियों को अपने डेटा फील्ड को अपडेट करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है.
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