डीएनए हिंदी: ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान ने सनसनी मचा दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद कहा जाएगा तो विवाद तो होगा ही. उन्होंने यह भी सवाल पूछा कि अगर ज्ञानवापी मस्जिद है तो उसके अंदर त्रिशूल क्या कर रहा है. अब इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई है. AIMIM के मुखिया और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा है कि क्या यूपी के मुख्यमंत्री भारत के बनाए कानून को नहीं मानेंगे? उन्होंने धार्मिक स्थल कानून का हवाला देते हुए कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आने वाला है तो योगी इस तरह की बात आखिर क्यों बोल रहे हैं?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'मुख्यमंत्री जानते हैं कि मुस्लिम पक्ष ने ASI सर्वे का विरोध किया है और इलाहाबाद हाई कोर्ट आज-कल में अपना फैसला सुनाने वाला है. उसी को देखते हुए उन्होंने एक विवादित बयान दिया, यह तो जुडिशल ओवररीच है. प्लेसेस ऑफ वर्शिप ऐक्ट 1991 कहता है कि 15 अगस्त 1947 को जहां मंदिर था, मस्जिद थी, बौद्ध धर्म की थी या ईसाई की थी, वह वैसी रहेगी.'
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'आप CM हैं, कानून का पालन करिए'
उन्होंने आगे कहा, 'योगी आदित्यनाथ को पढ़ना चाहिए कि स्वामी विवेकानंद ने ओडिशा के एक बहुत बड़े मंदिर के बारे में क्या कहा था. आप मुख्यमंत्री हैं, आप कानून का पालन करिए. वह मुसलमानों पर प्रेशर डालना चाह रहे हैं. जहां 400 साल से मस्जिद हैं, वहां उन्हें दबाना चाह रहे हैं. मथुरा में मुस्लिम समाज ने आज से 55-60 साल पहले हिंदू समाज से एक एग्रीमेंट किया. वह एग्रीमेंट कोर्ट में जमा किया गया, उसके बावजूद आज कोर्ट में लिटिगेशन खोल दिया गया उसका.'
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बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि ज्ञानवापी को मस्जिद नहीं कहा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी में देव मूर्तियां हैं, इसे हिंदुओं ने नहीं रखा है. मुस्लिम समाज से ऐतिहासिक गलती हुई है और उन्हें ही इसे सुधारना होगा. अगर आप ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो इसका विरोध होगा ही. योगी ने यह भी पूछा कि अगर वह मस्जिद है तो वहां त्रिशूल क्या कर रहा है?
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