Asaduddin Owaisi बोले- सबसे ज्यादा कंडोम तो मुसलमान इस्तेमाल करते हैं, कहां बढ़ रही है जनसंख्या?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 09, 2022, 07:28 AM IST

ओवैसी ने मोहन भागवत को दिया जवाब

Asaduddin Owaisi Condom: मोहन भागवत को जवाब देते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि सबसे ज्यादा कंडोम तो मुस्लिम इस्तेमाल करते हैं जनसंख्या कैसे बढ़ेगी.

डीएनए हिंदी: जनसंख्या नियंत्रण पर इन दिनों खूब बहस हो रही है. हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने भी जनसंख्या के असंतुलन को लेकर चिंता जताई. उन्होंने एक ऐसी जनसंख्या नीति (Population Policy) की मांग की जो सब पर एक समान लागू हो. अब मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) को एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने जवाब दिया है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि मुसलमान तो सबसे ज़्यादा कंडोम का इस्तेमाल करते हैं, उनकी जनसंख्या नहीं बढ़ रही है. ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों की आबादी बढ़ने के बजाय घट रही है लेकिन मोहन भागवत इस पर नहीं बोलेंगे. असदुद्दीन ओवैसी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि मुसलमानों का टोटल फर्टिलिटी (TFR) रेट कम हो रहा है. 

मोहन भागवत के बयान पर जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा, 'कहते हैं कि जनसंख्या पर नियंत्रण करना है. मैं कहता हूं कि मुसलमानों की आबादी नहीं बढ़ रही है. तुम लोग खामखां टेंशन में मत आ जाओ कि आबादी बढ़ रही है. आबादी तो गिर रही है. दो बच्चों के बीच का जो अंतर होता है, जिसे स्पेसिंग बोलते हैं, वह भी मुसलमानों में ही सबसे ज़्यादा है.'

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'गिर रहा है मुसलमानों का टीएफआर'
ओवैसी ने कहा, 'एक बार एक टीवी चैनल पर मुझे बुलाया तो मैंने कहा कि मैं खुलकर बोलूंगा तो बोलने देना. मैं बताऊंगा कि बीजेपी के बड़े नेताओं के बाप ने कितने बच्चे पैदा किए. इस पर टीवी चैनल वाले ने कहा कि आप सही बोलते हो लेकिन ये मत करो. मैं आपको बताता हूं कि मुसलमानों का टीएफआर गिर रहा है, चिंता मत करो. सबसे ज़्यादा कंडोम का इस्तेमाल हम कर रहे हैं. मोहन भागवत इस पर नहीं बोलेंगे. आप डेटा रख कर बात करो न, कहां बढ़ रही है आबादी?'

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दरअसल, मोहन भागवत ने कहा था, 'धर्म आधारित जनसंख्या के असंतुलन के मुद्दे को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता. जनसंख्या असंतुलन में भौगोलिक सीमाओं में बदलाव होता है और कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं. जनसंख्या पर एक समग्र नीति बनाने की ज़रूरत है. यह नीति ऐसी होनी चाहिए कि किसी को भी किसी तरह की छूट न मिले. सब पर यह कानून एक समान लागू हो.'

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