डीएनए हिंदी: Asaram Bapu News- गुजरात के गांधीनगर की सेशन कोर्ट ने मंगलवार को आसाराम बापू को शिष्या के साथ दुष्कर्म व शारीरिक उत्पीड़न के आरोपों में उम्रकैद की सजा सुनाई है. आसाराम बापू पर 23 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जबकि पीड़िता को भी 50 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश अदालत ने दिया है. अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में दुष्कर्म करने के इस मामले में 81 साल के आसाराम बापू के वकील ने कम सजा की अपील की थी, लेकिन 10 साल से चल रहे इस मामले में IPC की सात धाराएं आसाराम बापू को कम सजा देने के आड़े आ गई. अदालत ने इन सात धाराओं के तहत आसाराम को दोषी माना, जिसके चलते उनका उम्रकैद की सजा से बचना असंभव हो गया. आइए बताते हैं आपको कौन सी थी वे छह धाराएं.
इन धाराओं के तहत ठहराया गया था दोषी
सेशन कोर्ट के जज डीके सोनी ने सोमवार को आसाराम को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 2(C), धारा 377, धारा 342, धारा 354, धारा 357, धारा 374 और धारा 506 के तहत दोषी माना था. इसके बाद सरकारी वकील ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा दिए जाने की मांग की थी.
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इन धाराओं का होता है ये मतलब और इतनी मिलती है सजा
आसाराम के खिलाफ था यह आरोप
आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ साल 2013 में दो बहनों ने अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने साल 2001 से 2006 के बीच आसाराम द्वारा बड़ी बहन और नारायण द्वारा छोटी बहन के साथ मोटेरा आश्रम में दुष्कर्म करने और जबरन बंधक रखने का आरोप लगाया था. इस मामले में ही अब सजा सुनाई गई है.
पहले से ही दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद काट रहे आसाराम
यह दुष्कर्म का दूसरा मामला है, जिसमें अदालत ने आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा दी है. राजस्थान के एक अन्य मामले में आसाराम बापू पहले से ही जोधपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. यह मामला नाबालिग शिष्या के साथ दुष्कर्म करने का था.
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