Asaram Bapu Convicted: आसाराम को मिला करनी का फल, जेल में काटेगा सारी उम्र, पढ़ें मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jan 31, 2023, 04:34 PM IST

Asaram Bapu सजा सुनाए जाने के बाद अदालत के बाहर कुछ ऐसे नजर आए.

Asaram Bapu Rape Case: आसाराम बापू के खिलाफ साल 2013 में दो बहनों ने दुष्कर्मा करने का मुकदमा दर्ज कराया था. सोमवार को उन्हें दोषी घोषित किया गया था.

डीएनए हिंदी: Asaram Bapu News- आसाराम बापू को दो बहनों के साथ दुष्कर्म व शारीरिक उत्पीड़न मामले में अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. गुजरात के गांधीनगर की अदालत ने आसाराम बापू को इस मामले में सोमवार को दोषी घोषित कर दिया था. मंगलवार को अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया, जिसमें आसाराम बापू को उम्र कैद की सजा सुनाने के साथ ही उस पर 23 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. साथ ही पीड़िता को 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया. दोनों बहनों ने साल 2013 में आसाराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद सुनवाई के दौरान दोनों के ऊपर कई बार इस मुकदमे से पीछे हटने का दबाव बनाया गया था, लेकिन वे डटी रही थीं. आखिरकार 9 साल लंबी सुनवाई के बाद उनकी लड़ाई रंग लाई और आसाराम को इस मामले में सजा सुनाई गई है.

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इससे पहले नाबालिग लड़की से दुष्कर्म में भी मिली थी उम्रकैद

81 वर्षीय आसाराम को इससे पहले साल 2013 में भी अपने राजस्थान स्थित आश्रम में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का दोषी पाया गया था. इस मामले में भी उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इस मामले में आसाराम फिलहाल जोधपुर जेल में अपनी सजा काट रहा है. इस मामले के आधार पर ही गांधीनगर के मामले में अभियोजन पक्ष ने आसाराम को 'आदतन अपराधी' बताते हुए आजीवन कारावास की सजा देने की मांग की थी. 

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जज ने पत्नी समेत 6 को नहीं माना था दोषी

गांधीनगर सेशन कोर्ट के जज डीके सोनी ने सोमवार को आसाराम को दोषी घोषित करते हुए मंगलवार को सजा पर सुनवाई करने की घोषणा की थी. हालांकि जज ने आसाराम की पत्नी व 6 अन्य लोगों को इस मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष अभियोजक आरसी कोडेकर पक्ष रख रहे थे, जबकि पीड़ित बहनों की तरफ से एडवोकेट नितिन गांधी ने कोर्ट के सामने दलीलें रखी थीं.

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आसाराम की शिष्याएं थीं दोनों बहनें, आसाराम और उसके बेटे ने किया था रेप

इस मामले की दोनों पीड़ित बहनें सूरत जिले की रहने वाली थीं. दोनों ही आसाराम की शिष्याएं थीं. उन्होंने साल 2013 में अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने साल 2001 से 2006 के बीच आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं द्वारा अपने साथ रेप करने और अवैध तरीके से मोटेरा स्थित आश्रम में बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया था. आसाराम और नारायण के खिलाफ दो अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई गई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि आसाराम ने बड़ी बहन के साथ दुष्कर्म किया था, जबकि नारायण ने छोटी बहन को अपनी हवस का शिकार बनाया. 

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