14 से 18 साल के इतने बच्चे नहीं पढ़ पाते कक्षा 2 की किताब, हैरान कर देगी यह रिपोर्ट

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Jan 18, 2024, 09:53 AM IST

ASER Report

ASER Report 2023: साल 2023 की ASER रिपोर्ट के मुताबिक 14 से 18 साल की उम्र के बच्चे भी दूसरी कक्षा की किताबों को बहुत अच्छे ढंग से नहीं पढ़ पाते हैं.

डीएनए हिंदी: वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER) जारी कर दी गई है. इस रिपोर्ट में देश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 14 से 18 साल की उम्र वाले एक चौथाई युवा दूसरी कक्षा की किताबों को भी अच्छे तरीके से नहीं पढ़ सकते हैं. यह हाल हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में है. अंग्रेजी पढ़ने के मामले में 42.7 प्रतिशत युवा फंसते हैं और धाराप्रवाह नहीं पढ़ पाते हैं.

यह रिपोर्ट गैर लाभकारी संस्था प्रथम फाउंडेशन के नेतृत्व में तैयार की गई है. बियॉन्ड बेसिक्स शीर्षक से प्रकाशित इस ASER 2023 रिपोर्ट में देश के 28 जिलों के सरकारी और प्राइवेट शिक्षण संस्थानों के 34,745 युवाओं का सर्वे किया गया है. इसमें ग्रामीण भारत के 14 से 18 साल की उम्र वर्ग के युवाओं को केंद्र में रखा गया है. पिछले साल यह सर्वे 26 जिलों में ही किया गया था.

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87 प्रतिशत बच्चों ने लिया है एडमिशन
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 14 से 18 साल की उम्र वाले 86.8  प्रतिशत बच्चों ने स्कूल या कॉलेज में नाम लिखवा रखा है. नामांकन के प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है. कहीं नाम न लिखवाने वाले 14 साल के बच्चों का प्रतिशत 3.9 प्रतिशत, 16 साल के बच्चों का प्रतिशत 10.9 प्रतिशत और 18 साल के बच्चों का प्रतिशथ 32.6 तक है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षा जरूरी होने के सरकारी दबाव के चलते बच्चों और युवाओं के स्कूल न जाने का अनुपात तेजी से कम हो रहा है.

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2017 में इसी उम्र के 76.6 प्रतिशथ बच्चे कक्षा 2 की किताबें बढ़ सकते थे. 2023 में यह कम होक 73.6 प्रतिशत हो गई. साल 2017 में 39.5 प्रतिशत बच्चे अंकगणित के सवाल हल कर सकते थे अब इस अनुपात में बढ़ोतरी हुई है और 43.3 प्रतिशत बच्चे इसे हल कर सकते हैं. यानी आधे से ज्यादा बच्चे अभी भी अंकगणित के सवालों (3 अंक वाले भाग) में फंसते हैं. उम्मीद की जाती है कि तीसरी-चौथी कक्षा के बच्चे तीन अंकों वाले भाग सीख चुके होंगे.

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