Haryana News: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर पार्टी में आत्ममंथन का दौर चल रहा है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा में कांग्रेस के पर्यवेक्षक रहे अशोक गहलोत ने इस हार पर चिंता जताई है. उन्होंने 11 अक्टूबर को एक मीडिया संस्थान से बातचीत में कहा कि नतीजे चौंकाने वाले हैं और हार के पीछे गुटबाजी भी एक प्रमुख कारण हो सकती है. गहलोत ने आगे कहा कि पार्टी की समीक्षा बैठक में राहुल गांधी के बयान पर सहमति जताई गई, जिसमें कहा गया था कि नेताओं ने व्यक्तिगत हितों को पार्टी हित से ऊपर रखा है. गहलोत ने यह भी कहा कि अगर AAP के साथ गठबंधन हुआ होता, तो परिणाम कांग्रेस के पक्ष में हो सकते थे. उन्होंने कहा कि गठबंधन की कमी का असर चुनाव नतीजों पर काफी पड़ा है.
हार पर पार्टी में हो रही चर्चा
वहीं अशोक गहलोत को यह भी लगता है कि हरियाणा की हार का असर महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है. हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई है कि चुनाव प्रचार शुरू होने के बाद स्थितियां सुधर सकती हैं. उनका मानना है कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को मिलकर मेहनत करनी होगी ताकि आगामी चुनाव में सफलता पाई जा सके. हरियाणा में कांग्रेस की हार के कारण पर चर्चा करते हुए गहलोत ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में एक विस्तृत समीक्षा बैठक की गई, जिसमें हार की वजहों की तह तक जाने की बात कही गई है.
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हार का जाट बनाम गैर-जाट की राजनीति भी हो सकती है
गहलोत ने बताया कि जाट बनाम गैर-जाट की राजनीति का भी चुनाव नतीजों पर काफी असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस मुद्दे को उठाकर एक माहौल बनाया, जिससे लोग जाटों की सरकार को लेकर आशंकित हो गए. इसके अलावा, कांग्रेस के भीतर गुटबाजी, दलित वोट का झुकाव और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई. गहलोत ने कहा कि सभी इन कारणों का विश्लेषण कर सही दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे.
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