डीएनए हिंदी: राजस्थान चुनाव में अब दो महीने का समय भी नहीं बचा है और बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां हर पैंतरा आजमा रही हैं. अशोक गहलोत सरकार चुनाव से पहले जाति जनगणना के तार छेड़ सकती है. हाल ही में बिहार सरकार ने जाति जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं. इसके बाद से यह बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है. सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत सरकार भी जल्द जाति जनगणना का ऐलान कर सकती है. गहलोत सत्ता में वापसी के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. दूसरी ओर राजस्थान बीजेपी में गुटबाजी की खबरें और वसुंधरा राजे की नाराजगी का शिगूफा भी उठता रहता है. ऐसे में कांग्रेस लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है.
राजस्थान कांग्रेस की बैठक में तय किया गया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कॉन्सेप्ट के आधार पर जातिवार जनगणना के फैसले को आगे बढ़ाया जाएगा. बता दें कि बिहार में जनगणना आंकड़ों के जारी होने के बाद से राहुल गांधी ओबीसी आबादी के आधार पर प्रतिनिधित्व का मुद्दा उठा रहे हैं. महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान भी उन्होंने कोटे के अंदर कोटा की बात कही थी. अब जाति जनगणना ऐसा मुद्दा है जिसकी काट ढूंढ़ना बीजेपी के लिए भी आसान नहीं रहने वाला है.
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राजस्थान में होगी जातिवार जनगणना
अशोक गहलोत ने बताया कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में राहुल गांधी के कॉन्सेप्ट के आधार पर तैयारी कर रही है. बता दें कि राहुल गांधी ने बार-बार जनसंख्या के आधार पर भागीदारी की बात कही है. उन्होंने तो यह भी कहा है कि वह ओबीसी वर्ग को उसका अधिकार दिलाकर ही मानेंगे. गहलोत ने कहा कि इसको ध्यान में रखते हुए रायपुर महाअधिवेशन में के प्रस्ताव को आधार बनाते हुए राजस्थान सरकार भी बिहार की तरह जातिगत जनगणना करवाएगी.
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चुनाव में उतरने के लिए तैयार हुआ नारा
कांग्रेस की रणनीति बनाने के लिए हुई बैठक में खास तौर पर चुनाव के लिए नारा भी तैयार किया गया है. राजस्थान में कांग्रेस 'काम किया दिल से, कांग्रेस फिर से' के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरने वाली है. अपने विकास कार्यों के साथ कांग्रेस के पास अब जाति जनगणना का मुद्दा भी है. दूसरी ओर राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रचार की कमान संभाल ली है. ऐसे में पीएम मोदी के चेहरे का मुकाबला करना कांग्रेस के लिए आसान नहीं रहने वाला है.
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