'भारत में भी कई हुसैन ओबामा', हिमंत सरमा के बयान पर बवाल, कांग्रेस ने PM मोदी को घेरा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 23, 2023, 11:30 PM IST

Himanta Biswa Sarma 

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, 'मेरे फ्रेंड बराक अब हुसैन ओबामा हो गए हैं. क्या हिमंत सरमा ने उस सवाल का जवाब दिया है जो पीएम मोदी से व्हाइट हाउस में पूछा गया था.'

डीएनए हिंदी: भारत में मुसलमानों की सुरक्षा पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के बयान को लेकर सियासत तेज हो गई है. दरअसल, ट्विटर पर एक महिला पत्रकार ने सवाल पूछा था कि क्या भावनाओंक आहत करने के लिए ओबामा के खिलाफ गुवाहाटी में अभी तक FIR दर्ज की गई है. इसके जवाब में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा  (Himanta Biswa Sarma)  ने कहा, 'भारत में भी कई हुसैन ओबामा हैं. वॉशिंगटन जाने के विचार से पहले हमें उनपर कार्रवाई करनी चाहिए.'हिमंत सरमा के इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, 'मेरे फ्रेंड बराक अब हुसैन ओबामा हो गए हैं. वास्तव में हिमंत सरमा ने उस सवाल का जवाब दिया है जो पीएम मोदी से व्हाइट हाउस में पूछा गया था. उनका इशारा है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा एक मुस्लिम हैं और भारतीय मुसलमानों को सबक सिखाया जाना चाहिए. प्रश्न का आधार था. मैं पूछना चाहती हूं कि इस पर प्रधानमंत्री, विदेश मंत्रालय और भारत सरकार का क्या रुख है?'

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क्या बोले थे हिमंत सरमा?
दरअसल, रोहिणी सिंह नाम की एक पत्रकार ने ट्वीट किया, 'क्या भावनाओं को आहत करने के लिए बराक ओबामा के खिलाफ गुवाहाटी में अभी तक FIR दर्ज की गई है? क्या असम पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने और विमान से उतारने के लिए वाशिंगटन रवाना हो गई है?' इसके जवाब में हिमंत बिस्वा सरमा ने लिखा, 'भारत में ही कई हुसैन ओबामा हैं. वाशिंगटन जाने पर विचार करने से पहले हमें उनपर कार्रवाई प्राथमिकता देनी चाहिए. असम पुलिस हमारी अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार कार्य करेगी.' उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लगातार प्रतिक्रियां आ रही हैं.

बराक ओबामा ने क्या कहा था?
CNN न्यूज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान गुरुवार को बराक ओबामा ने कहा था, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अच्छी तरह से जानता हूं. भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का जिक्र होना चाहिए. अगर मेरी पीएम मोदी से बात होती तो मेरा तर्क होता कि अगर आप नस्लीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा नहीं करते हैं तो मुमकिन है कि भविष्य में भारत में विभाजन बढ़े. ये भारत के हितों के विपरीत होगा.'

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