Himanta Biswa Sarma बोले- मदरसे आतंक का हब, पढ़ाई के बदले आतंकियों की होती है ट्रेनिंग

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 29, 2022, 10:18 PM IST

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा. (फाइल फोटो)

सीएम हिमंत बिस्व सरमा मदरसों के खिलाफ पहले भी कई बयान दे चुके हैं. उनकी मांग है कि धार्मिक शिक्षा पर बैन लगे और मदरसों में विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषयों को पढ़ाने पर जोर दिया जाए.

डीएनए हिंदी: असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मदरसों में होने वाली पढ़ाई को लेकर एक बार फिर सवाल खड़ा किया है.सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि मदरसे आतंकियों की ट्रेनिंग का हब है और इसका इस्तेमाल इसी मकसद के लिए किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा है कि इन मदरसों में शिक्षा की बजाय आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही है. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि असम में अब तक ऐसे दो मदरसों को गिराया जा चुका है.

हिमंत बिस्व सरमा का रुख हमेशा मदरसों के खिलाफ रहा है. बरपेटा जिले में हाल ही में एक प्राइवेट मदरसे को गिरा गया था. पुलिस ने दावा किया था कि यह मदरसा सरकारी जमीन पर बना था. मदरसे में आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी.

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सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, 'जांच में पता चला है कि मदरसे में अल कायदा का ट्रेनिंग कैंप चल रहा था. यहां पढ़ाई-लिखाई नहीं होती थी.'

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सरकार 2020 से ही नहीं दे रही है मदरसों को फंड 

असम सरकार का रुख मदरसों के लिए कभी अच्छा नहीं रहा. साल 2020 में असम सरकार ने मदरसों को सरकारी फंड देना बंद कर दिया था. सीएम हिमंत तब असम सरकार में शिक्षा मंत्री थे. इस फैसले की वजह से 800 मदरसे बंद हो गए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक 1000 से ज्यादा प्राइवेट मदरसे अब भी चल रहे हैं. इनका संचालन ऑल असम तंजीम मदारिस कौमिया की ओर से की जा रही है.

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