डीएनए हिंदीः असम में बाढ़ (Assam Floods) की स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच गई. शनिवार को बाढ़ ने चार बच्चों सहित आठ और लोगों की जान ले ली. आठ अन्य लोग लापता हैं. राज्य के 32 जिलों में करीब 31 लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का बाढ़ का पानी 4,291 गांवों में घुस गया है और 66455.82 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो गई है. राहत और बचाव कार्य के लिए इंडियन आर्मी (Indian Army) और राज्य प्रशासन के लोग मुस्तैदी से लगे हुए हैं. राज्य के हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बातचीत की है और हर संभव मदद का वादा किया है.
और खराब हो सकती है स्थिति
असम में बाढ़ के कारण स्थिति लगातार बिगड़ रही है. बाढ़ से प्रभावितों के लिए खाना और अन्य जरूरी सामानों की व्यवस्था पहले से कर ली गई है. भूटान में जल स्तर बढ़ रहा है इसलिए असम के कई जिले प्रभावित हो रहा है और आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है.
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ये जिले सबसे ज्यादा प्रभावित
राज्य के 21 जिलों में बनाए गए 514 राहत शिविरों में 1.56 लाख से अधिक प्रभावितों ने शरण ली हुई है. प्रभावित जिलों में बजली, बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, कछार, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, दीमा-हसाओ, गोलपारा, गोलाघाट, होजई, कामरूप, कामरूप (एम), कार्बी आंगलोंग पश्चिम, करीमगंज, कोकराझार, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर, दक्षिण सलमारा, तामूलपुर, तिनसुकिया और उदलगुरी शामिल है.
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मदद के लिए सेना ने उतारी 'गजराज कॉर्प्स'
बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को बचाने, लोगों तक खाने-पीने की चीजें और राहत सामग्री पहुंचाने और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की मदद के लिए अब भारतीय सेना के जवान भी उतर आए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, गजराज कॉर्प्स की नौ टीमों ने राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया है. ये टीमें दिन और रात दोनों में काम कर रही हैं. सेना की इन टीमों में इंजीनियर और मेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं. आर्मी की ओर से जानकारी दी गई है कि छह जिलों में सेना की टीमें राहत और बचाव का काम कर रही हैं. अब तक फंसे हुए सैकड़ों लोगों को सेना के जवानों ने सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा भी दिया है.
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