Assam Floods: एयरफोर्स के विमान ले जाएंगे एक लाख लीटर डीजल-पेट्रोल, राहत-बचाव में तेजी से जुटीं सेनाएं

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 20, 2022, 07:48 PM IST

असम में बाढ़ से बेहाल हैं आम लोग

Assam Floods 2022: असम में बाढ़ के चलते परेशान लोगों को राहत पहुंचाने के लिए अब एयरफोर्स भी ऑपरेशन शुरू करने जा रहा है.

डीएनए हिंदी: बाढ़ की वजह से असम का बुरा हाल है. लाखों लोग बाढ़ (Assam Floods) के चलते राहत कैंपों में शरण लेने को मजबूर हैं. हजारों गांव पानी में डूबे हुए हैं. देश की सेनाओं के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा राहत प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें लगातार लगी हुई हैं. अब असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा है कि एयरफोर्स (Indian Airforce) के विमान एक लाख लीटर डीजल और पेट्रोल ले जाएंगे. इसके अलावा, रेलवे ने भी स्पेशल राहत ट्रेन चलाने का ऐलान किया है.

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, 'असम के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि एयरफोर्स का स्पेशल प्लेन 21 जून को एक लाख लीटर डीजल-पेट्रोल सिलचर ले जाएगा. नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटीयर रेलवे ने भी कहा है कि वह स्पेशल राहत ट्रेन चलाएगा.' उन्होंने यह भी बताया कि अभी भी नगांव और मोरीगांव जिलों के 2,000 से ज़्यादा गांव पूरी तरह से बाढ़ में डूबे हुए हैं.

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असम को उबारने में लगीं तमाम एजेंसियां और सेनाएं
राज्य में राहत और बचाव कार्यों की जानकारी देते हुए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, 'राहत और बचाव कार्यों में इंडियन आर्मी की कई टीमें लगातार काम कर रही हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा राज्य सरकार के सभी विभागों के साथ-साथ कई सामाजिक संगठन भी इन अभियानों में अहम भूमिका निभा रहे हैं. हमें पूरी उम्मीद है कि हम इस मुश्किल वक्त से ज़रूर उबरेंगे.'

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गौरतलब है कि असम के 35 में से 33 जिलों में लगभग 43 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 73 हो गई है. मृतकों में नगांव जिले के एक थाना प्रभारी सहित दो पुलिसकर्मी शामिल हैं, जो असहाय लोगों की मदद के लिए गए थे लेकिन बाढ़ के पानी में बह गए. अधिकारियों ने बताया कि सोमवार तड़के उनके शव निकाले गए. 

'सारे काम छोड़कर लोगों को राहत पहुंचाएं अधिकारी'
मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगले कुछ दिनों तक जिले के अधिकारियों को प्रक्रिया संबंधी नियमों से सरोकार नहीं रखना चाहिए बल्कि प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘यदि कुछ क्षेत्रों को राहत नियमावली में शामिल नहीं किया गया है तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे राज्य के स्वामित्व वाली प्राथमिकता विकास योजनाओं और मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत आएं. 

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असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक बुलेटिन के अनुसार, राज्य पिछले एक सप्ताह से विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा है, जिसमें 127 राजस्व मंडल और 33 जिलों के 5,137 गांव प्रभावित हैं. करीब 1.90 लाख लोगों ने 744 राहत शिविरों में शरण ली है. शिविरों में नहीं जाने वाले प्रभावित लोगों को 403 अस्थायी केंद्रों से राहत सामग्री वितरित की गई है. 

लाखों हुए तबाह, पूरा असम बाढ़ से परेशान
अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और अन्य एजेंसियों ने अब तक करीब 30,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन के अनुसार, कोपिली नदी नगांव जिले के कामपुर में और ब्रह्मपुत्र नदी निमाटीघाट, तेजपुर, गुवाहाटी, कामरूप, गोलपारा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सुबनसिरी, पुथिमारी, पगलाडिया, मानस, बेकी बराक और कुशियारा नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. 

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बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में बारपेटा, कछार, दरांग, गोलपारा, कामरूप (मेट्रो), करीमगंज, नलबाड़ी और उदलगुरी के शहरी इलाकों से बाढ़ की सूचना मिली है, जबकि कछार, दीमा-हसाओ, गोलपारा, हैलाकांडी, कामरूप (एम) और करीमगंज जिलों में भारी बारिश से भूस्खलन हुआ है. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में आठ जानवर - सात हिरण और एक तेंदुए की डूबने और वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई है. केएनपी अधिकारी ने बताया कि वन अधिकारियों ने आठ हिरन और एक अजगर सहित दस अन्य को बचाया है.

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