डीएनए हिंदी: असम में भारी बारिश के चलते आई बाढ़ (Assam Floods) ने तबाही मचा दी है. राज्य के अलग-अलग जिलों में बाढ़ की वजह से 18 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ जनित घटनाओं के चलते अब तक असम में 54 लोगों की जान जा चुकी है. राहत और बचाव कार्य के लिए इंडियन आर्मी (Indian Army) और राज्य प्रशासन के लोग मुस्तैदी से लगे हुए हैं. राज्य के हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बातचीत की है और हर संभव मदद का वादा किया है.
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि पीएम मोदी ने सुबह 6 बजे उन्हें फोन किया और असम में बाढ़ के हालात के बारे में जानकारी ली. सरमा के मुताबिक, पीएम मोदी ने इस आपदा की वजह से लोगों को हो रही समस्याओं पर चिंता जताई है. उन्होंने सीएम हिमंत बिस्वा सरमा को भरोसा दिलाया है कि लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार हर संभव मदद को तैयार है.
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28 जिलों में लगभग 18 लाख लोग प्रभावित
असम के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, शुक्रवार को 9 लोगों की मौत हो गई. इस प्रकार बाढ़ की घटनाओं में मरने वालों की संख्या अब 54 हो गई है. बाढ़ की वजह से असम के 28 जिलों के लगभग 18.94 लाख लोग बुरी तरह प्रभावित हैं. होजाई, नहबाड़ी, बजाली, धुबरी, कामरूप, कोकराझार और सोनितपुर जिलों में लोगों की जानें गई हैं.
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राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 96 राजस्व सर्कल के अंदर आने वाले 2930 गांव पूरी तरह जलमग्न हैं. कई जिलों को मिलाकर कुल 43338 हेक्टेयर खेती वाली जमीन पूरी तरह से डूब गई है. बेकी, मानस, पगलाड़िया, पुथिमारी, जिया भराली, कोपिली और ब्रह्मपुत्र नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.कामरूप जिले में नए इलाकों में पानी भर जाने से काफी तबाही मच गई है. 70 हजार से ज्यादा लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं.
जिला प्रशासनों की ओर से बनाए गए 373 राहत कैंपों में 1,08,104 लोगों ने शरण ली है. बाढ़ से प्रभावित जिलों की बात करें तो 3.55 लाख लोग बजाली जिले में, 2.90 लाख लोग दरांग में 1.84 लाख लोग गोलपाड़ा में, 1.69 लाख लोग परपेटा में, 1.23 लाख नलबाड़ी में, 1.19 लाख लोग कामरूप में और होजाई जिले में 1.05 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
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मदद के लिए सेना ने उतारी 'गजराज कॉर्प्स'
बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को बचाने, लोगों तक खाने-पीने की चीजें और राहत सामग्री पहुंचाने और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की मदद के लिए अब भारतीय सेना के जवान भी उतर आए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, गजराज कॉर्प्स की नौ टीमों ने राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया है. ये टीमें दिन और रात दोनों में काम कर रही हैं.
सेना की इन टीमों में इंजीनियर और मेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं. आर्मी की ओर से जानकारी दी गई है कि छह जिलों में सेना की टीमें राहत और बचाव का काम कर रही हैं. अब तक फंसे हुए सैकड़ों लोगों को सेना के जवानों ने सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा भी दिया है.
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