Free Scooty: 36,000 छात्रों को मुफ्त स्कूटी देगी इस राज्य की सरकार, वित्तीय मदद का भी किया ऐलान

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 21, 2022, 11:21 AM IST

Free Scooty Yojana के तहत असम सरकार राज्य के प्रथम श्रेणी में पास होने वाले 36,000 छात्रों को मुफ्त स्कूटी और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.

डीएनए हिंदी: असम में उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद के नतीजों में काफी विवाद हुए थे लेकिन उत्तीर्ण छात्रों को असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार (Himanta Biswa Sarma Government) ने एक बड़ा तोहफा देने का ऐलान कर दिया है. इस तोहफे से सबसे बड़ा फायदा राज्य की छात्राओं को मिलने वाला है. राज्य सरकार ने प्रथम श्रेणी में पास हुए 36 छात्रों को मुफ्त स्कूटी (Free Scooty) देने का ऐलान किया है और इनमें से करीब 29 हजार की संख्या केवल छात्राओं की है. इसके अलावा पंजीकरण के आधार पर राज्य के छात्रों को वित्तीय सहायता भी दी जाएगी.  

दरअसल, इस वर्ष उत्तीर्ण हुए 36,000 मेधावी छात्रों को असम सरकार ने स्कूटी देने का फैसला किया है जिसमें अधिकतर लड़कियां शामिल हैं. राज्य के शिक्षा मंत्री रनोज पेगु ने मुद्दे पर बताया है कि इस हफ्ते असम कैबिनेट ने ₹258.9 करोड़ की लागत से कार्यक्रम को लागू करने का प्रस्ताव पारित किया है.

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छात्राओं को मिलेगा ज्यादा फायदा

राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास करने वाले कुल 35,800 छात्रों में 29,748 लड़कियां हैं और 6,052 लड़के हैं. इन सभी को असम सरकार द्वार मुफ्त में स्कूटी दी जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक प्रथम श्रेणी के अंतर्गत पास हुए इन छात्रों ने परीक्षाओं में न्यूनतम 75% अंक प्राप्त किए थे और अब सरकार इन्हें प्रोत्साहन के रूप में मुफ्त स्कूटी का तोहफा दे रही है. 

वित्तीय सहायता भी देगी सरकार

रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्रों को मुफ्त स्कूटी के अलावा मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार पंजीकरण और बीमा के लिए वित्तीय सहायता देगी. इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री के दफ्तर ने बयान जारी कर कहा है कि कैबिनेट ने प्रांतीय कॉलेजों में निश्चित वेतन पर काम करने वाले सहायक प्रोफेसरों के मासिक पारिश्रमिक को बढ़ाकर 55,000 रुपये करने का भी फैसला किया है. 

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हिमंत और केजरीवाल में हुई है नोक-झोंक

असम सरकार ने जहां एक तरफ छात्रों को प्रोत्साहन देते हुए उन्हें स्कूटी और वित्तीय सहायता का ऐलान किया है तो दूसरी ओर शिक्षकों और प्रोफेसरों का मासिक पारिश्रमिक बढ़ाकर शिक्षकों को भी मजबूत बनाने की कोशिश की है जिससे असम की शिक्षा व्यवस्था को सुधारा जा सके. गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ असम सीएम की असम में शिक्षा व्यवस्था को लेकर ट्विटर पर नोक-झोंक हो चुकी है. 

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