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Haryana Election Result 2024: क्या हरियाणा का अहिरवाल बेल्ट बना रहेगा BJP का मजबूत गढ़, पढिए ये रिपोर्ट

बीजेपी के लिए अहिरवाल बेल्ट हर चुनाव में मजबूत किला साबित हुआ है, लेकिन क्या इस बार भी ये इलाका पार्टी के साथ खड़ा रहेगा?

Haryana Election Result 2024: क्या हरियाणा का अहिरवाल बेल्ट बना रहेगा BJP का मजबूत गढ़, पढिए ये रिपोर्ट

Union Minister Rao Inderjit Singh

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Haryana Election Results 2024: हरियाणा में जब जाट समुदाय (Jaat community) बीजेपी से नाराज हुआ, तब पार्टी ने दक्षिण हरियाणा के अहिरवाल बेल्ट पर दांव लगाया. 2014 और 2019 दोनों चुनावों में इस इलाके ने बीजेपी को सत्ता (Power) तक पहुंचाया. अहिरवाल जिसमें गुरुग्राम, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जैसे इलाके शामिल हैं, बीजेपी का मजबूत किला बना हुआ है. 

बीजेपी का बड़ा चेहरा राव इंद्रजीत
अहिरवाल बेल्ट में बीजेपी के सबसे बड़े नेता गुरुग्राम से सांसद और केंद्रीय मंत्री (MP and Union Minister) राव इंद्रजीत सिंह हैं. इस साल की शुरुआत में उन्होंने छठी बार सांसद का चुनाव जीता. उनका इस क्षेत्र में इतना असर है कि उनकी बेटी आरती राव समेत कई करीबी समर्थकों (Supporters) को विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में टिकट मिल गया. चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में बीजेपी ने गुरुग्राम, रोहतक, और भिवानी-महेंद्रगढ़ की 11 सीटों में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इससे साफ है कि ये इलाका बीजेपी के लिए कितना जरुरी है.

क्यों है अहिरवाल बेल्ट अहम?
दक्षिण हरियाणा का अहिरवाल इलाका राजस्थान की सीमा (Border) से लगा हुआ है. इसमें चार लोकसभा सीटें—गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद और भिवानी-महेंद्रगढ़ शामिल हैं. ये कुल 28 विधानसभा सीटों को कवर करती हैं. हरियाणा की 90 सीटों में से इतने बड़े हिस्से का होना इसे बेहद खास बनाता है. यहां के 60% से ज्यादा लोग शहरी इलाकों में रहते हैं, जो बीजेपी के लिए फायदेमंद स्थिति है. 2014 में बीजेपी ने यहां 15 सीटें जीती थीं, जबकि 2019 में ये संख्या बढ़कर 16 हो गई थी. राज्य में भले ही पार्टी की कुल सीटें 47 से घटकर 40 हो गई थीं.

मुद्दे और चुनावी रणनीति
अहिरवाल बेल्ट में मुख्य मुद्दे शहरी विकास, गुरुग्राम में जलभराव (Water Logging) की समस्या, और नागरिक सुविधाओं की कमी है. बीजेपी ने चुनाव प्रचार (Election Campaign) के दौरान कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने इस इलाके को हमेशा अनदेखा किया. पार्टी का कहना था कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने सिर्फ अपने घर के इलाके रोहतक (जो जाट बेल्ट में आता है) पर ध्यान दिया और दक्षिण हरियाणा, खासकर गुरुग्राम को नजरअंदाज किया.


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क्यों है अहिरवाल बीजेपी के लिए खास?
अहिरवाल बेल्ट बीजेपी के लिए केवल विधानसभा सीटों का खेल नहीं है. ये पूरा इलाका हरियाणा की राजनीति में पार्टी की पकड़ बनाए रखने का अहम केंद्र है. अब देखना ये है कि क्या बीजेपी इस बार भी यहां अपनी पकड़ बनाए रख पाती है या कुछ नया समीकरण (Equation) निकलता है.

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