अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने इस्तीफा देने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री के पद के लिए आतिशी (Atishi Delhi CM) पर भरोसा जताया है. दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. लगभग 5 महीने के उनके कार्यकाल पर सबकी नजर रहेगी. इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा उनकी कैबिनेट को लेकर हो रही है. यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या वह अपने कैबिनेट में बदलाव करेंगी या फिर पुराने मंत्रीमंडल के साथ ही अपना कार्यकाल जारी रखेंगी. जानें उनके फैसले के पीछे कौन सी वजहें हो सकती हैं.
कैबिनेट में बदला की संभावना कम
दिल्ली के चुनाव में 5 महीने का ही वक्त बचा है और निर्वाचन आयोग किसी भी वक्त चुनाव के तारीखों का ऐलान कर सकता है. अगले एक-दो महीने के बाद तेजी से चुनाव प्रचार भी शुरू हो जाएगा. ऐसे में इसकी संभावना कम ही है कि आतिशी कैबिनेट में किसी तरह का बदलाव करेंगी. आतिशी की अब तक की छवि अनुशासित और केजरीवाल के भरोसेमंद सहयोगी के तौर पर रही है. ऐसे में इसकी संभावना कम ही है कि वह कैबिनेट में फेर-बदल कर किसी तरह की अस्थिरता लाने की कोशिश करेंगी.
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अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे और आतिशी को नया सीएम बनाए जाने के फैसले के पीछे राजनीतिक नफा-नुकसान के ही समीकरण है. अब तक इस फैसले के पीछे पार्टी के अंदर विरोध और बगावत के कोई सूत्र नहीं हैं. आतिशी ने भी सीएम बनने के बाद कहा कि दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे से दुखी है. ऐसे में इसकी संभावना नहीं है कि कैबिनेट में कोई बड़ा बदलाव किया जाएगा. हालांकि, अब यह देखना है कि आगे मनीष सिसोदिया की पार्टी में क्या भूमिका रहने वाली है.
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