डीएनए हिंदी: आज राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला विधिवत विराजमान हो गए हैं. इसी मौके पर अयोध्या में बनाई जाने वाली मस्जिद के निर्माण की तारीख सामने आ गई है. 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही निर्देश दिए गए थे कि मस्जिद के लिए जमीन उपलब्ध करवाई जाए. हालांकि, अभी तक मस्जिद का निर्माण शुरू नहीं हो सका है. पैगंबर साहब के नाम पर बनाई जाने वाली इस मस्जिद का निर्माण इसी साल मई के महीने से शुरू किया जाएगा. इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन की डेवलपमेंट कमेटी ने कहा है कि मस्जिद निर्माण के लिए फंडिंग का इंतजाम भी क्राउड फंडिंग के जरिए किया जाएगा.
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के मुताबिक, 2023 में निर्माण शुरू होने के बाद इसका काम पूरा होने में तीन से चार साल का समय लग सकता है. इस मस्जिद का नाम पैगंबर मोहम्मद के नाम पर 'मस्जिद मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह' रखा जाएगा. फाउंडेशन की डेवलमेंट कमेटी के मुखिया हाजी अरफात शेख का इस पर कहना है, 'हमारा प्रयास लोगों के बीच की दुश्मनी और नफरत खत्म करना चाहते हैं. हम लोगों के बीच प्रेम भरना चाहते हैं, चाहे आप सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हों या न करते हों. अगर हम अपने बच्चों और लोगों को अच्छी बातें सिखाएंगे तो नफरत और लड़ाई अपने आप खत्म हो जाएगी.'
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मस्जिद परिसर में ही बनेगा 500 बेड का अस्पताल
इसी फाउंडेशन के अध्यक्ष जफर अहमद फारुकी का कहना है, 'हमारी संस्थान ने फंड के लिए अभी तक किसी से संपर्क नहीं किया है. कोई सार्वजनिक आंदोलन भी नहीं चलाया गया है.. यह बात सच है कि मस्जिद के निर्माण में देरी हुई है लेकिन इसकी वजह यह है कि हम इसकी डिजाइन में ज्यादा पारंपरिक तत्व जोड़ना चाहते थे. इसके अलावा, मस्जिद के परिसर में ही 500 बेड का अस्पताल भी बनाया जाना है.'
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बता दें कि सैकड़ों साल तक चले बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद का निपटारा साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने इसे राम जन्मभूमि मानते हुए यहां राम मंदिर बनाने की अनुमति दे दी थी.
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