डीएनए हिंदीः अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है. यहां प्रसाद वितरण को लेकर नया विवाद सामने आया है. नई व्यवस्था को लेकर मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट आमने-सामने आ गए हैं. अयोध्या में गर्भगृह के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों के बीच प्रसाद वितरण पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से रोक लगा दी गई है. 1986 से चली आ रही इस प्रथा का सत्येंद्र दास ने विरोध भी किया.
क्या है नई व्यवस्था?
नई व्यवस्था के तहत मंदिर ट्रस्ट को लोगों को गर्भगृह के बजाय राममंदिर से कुछ दूरी पर प्रसाद बांटने का काम सौंपा गया है. इस बात से मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास नाराज हो गए हैं. उन्होंने सवाल उठाके हुए पूछा कि दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को मुख्य पुजारी के बजाए ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रसाद वितरण करना कितना सही है. सत्येंद्र दास ने तो इस फैसले पर ही हैरानी जताई है. उन्होंने कहा कि यह फैसला क्यों लिया गया वह उसे समझने में असमर्थ हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कोई भी कहीं से भी आकर ट्रस्टी बन जाता है.
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क्यों लिया गया फैसला?
इस फैसले को लेकर राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता का कहना है कि लोगों को सुविधा देने के लिए नई व्यवस्था शुरू की गई है. मंदिर के अंदर प्रसाद वितरण से भक्तों को असुविधा होती है. भीड़ लगने के कारण लोगों को लाइन में इंतजार करना पड़ता है. इसलिए मंदिर से कुछ दूरी पर प्रसाद की व्यवस्था की गई है. इससे भक्तों को दर्शन का मौका भी जल्दी मिलता है और सुरक्षा की दृष्टि से भी यह कदम उठाया गया है.
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