Azam Khan Plea In HC: आजम खान और परिवार को HC से राहत नहीं, जज ने फैसला सुरक्षित रखा

स्मिता मुग्धा | Updated:May 14, 2024, 02:34 PM IST

आजम खान, पत्नी तंजीम और बेटे अब्दुल्ला की जमानत याचिका पर सुनवाई

Azam Khan Plea In HC: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद आजम ख़ान, पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम की अपील पर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई है. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया.  

समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सांसद आजम खान इस वक्त जेल में हैं. उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला भी जेल में है. तीनों को अब हाई कोर्ट (High Court) से ही राहत की उम्मीद है. हालांकि, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. 7 साल की सजा के खिलाफ तीनों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील दाखिल की है. इस मामले में दोनों पक्षों की दलील पूरी हो गई है. तीनों ने सजा को रद्द करने और जमानत देने की अपील उच्च न्यायालय से की है. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई की है. 

सिंगल बेंटच में होगी मामले की सुनवाई 
आजम खान (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला को 2 जन्मपत्र रखने के मामले में तीनों को 7 साल की सजा मिली है. आजम खान के वकीलों ने हाई कोर्ट में अपना पक्ष रख दिया था. मंगलवार को सरकार की ओर से पक्ष रखा गया, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. आजम के परिवार पर कई मामले दर्ज हैं जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग, जबरन जमीन हड़पने से लेकर कई दूसरे गंभीर अपराध भी हैं. मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार के वकील अपना पक्ष रखेंगे. 


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जौहर यूनिवर्सिटी के लिए भ्रष्टाचार करने का भी केस 
आजम खान और उनकी पत्नी और बेटे पर जौहर यूनिवर्सिटी के लिए भ्रष्टाचार, सरकारी पैसे का दुरुपयोग करने का भी केस चल रहा है.  आजम खान पर आरोप है कि नगर पालिका के पैसों से खरीदी गई सफाई मशीनों का इस्तेमाल जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किया गया था. जांच शुरू होने पर उन मशीनों को यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर कहीं जमीन के अंदर दबाकर गाड़ दी गई. इस मामले में भी एक केस चल रहा है जिसकी जमानत याचिका पर 22 मई को सुनवाई होगी. 

मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे आजम 
आजम खान को एक वक्त में मुलायम सिंह यादव का सबसे करीबी माना जाता था. मुलायम के मुख्यमंत्री रहते हुए आजम खान और उनके परिवार की रामपुर से लेकर लखनऊ तक तूती बोलती थी. अखिलेश यादव के सीएम रहने के दौरान भी वह कैबिनेट मंत्री रहे थे. उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद आजम और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती चली गईं और आखिरकार तीनों जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं. 

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