बाबा रामदेव की पतंजलि की दिव्य फार्मेसी पर उत्तराखंड सरकार ने एक्शन लिया है. पिछले दिनों पतंजलि को भ्रामक विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है और अब बाबा रामदेव की कंपनी के 14 प्रोडक्ट पर बैन लगा दिया गया है. राज्य सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण ने कंपनी पर बड़ी कार्रवाई की है. बैन किए गए प्रोडक्ट्स में कई ऐसी चीज़ें हैं, जिनका इस्तेमाल खूब होता है.
दिव्य फार्मेसी के जिन प्रोडक्ट्स पर बैन लगा है उनमें श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप, श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, दिव्य ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, शामिल हैं.
इन प्रोड्टक्स पर क्यों लगा बैन
उत्तराखंड सरकार की लाइसेंस ऑथोरिटी ने सोमवार को प्रोडक्ट्स पर बैन का आदेश भी जारी करते हुए कहा, “पतंजलि आयुर्वेद के प्रोडक्ट्स के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के कारण कंपनी के लाइसेंस को रोका गया है.” इस आदेश को सभी जिला ड्रग इंस्पेक्टर को भी भेजा गया है. जिला ड्रग इंस्पेक्टर ने 16 अप्रैल को रामदेव, बालकृष्ण, दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कोर्ट में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है.
30 अप्रैल को होनी है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि और उनकी कंपनी को कड़ी फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पतंजलि ने कहा कि वो ये गलती दोबारा नहीं होगी. जिसके बाद पतंजलि आयुर्वेद की ओर से एक दैनिक अख़बार में माफीनामा छपवाया था. पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट जानकारी दी थी कि अखबार में 67 पन्नों को का एक माफ़ीनामा दिया गया था. इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट 30 अप्रैल को सुनवाई करेगी, जिसके बाद यह तय किया जाएगा कि रामदेव के खिलाफ अवमानना का आरोप लगाया जाए या नहीं.
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