मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के मामले में पुलिस ने मंगलवार को बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या करने से पहले आरोपियों ने रायगढ़ जिले में एक झरने के पास गोलीबारी यानी निशाना लगाने की ट्रेनिंग ली थी. शूटरों ने बाबा सिद्दीकी का एक पुतला बनाकर उसपर निशाना साधने का अभ्यास किया था.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम को गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि आरोपी धर्मराज कश्यप, गुरमेल सिंह और फरार चल रहे शिवकुमार गौतम ने सितंबर में मुंबई के बाहरी इलाके करजत तहसील के अंतर्गत पलासधारी में एक झरने के पास गोलीबारी का अभ्यास किया था.
पहले इस गैंग को मिली थी बाबा सिद्दीकी हत्या की सुपारी
उन्होंने बताया कि निशानेबाजों ने झरने के पास सुनसान जगह देखकर गोलीबारी का ट्रेनिंग की. अधिकारी ने बताया कि नितिन सप्रे और राम कनौजिया के नेतृत्व में ठाणे स्थित 5 सदस्यीय सुपारी गिरोह को शुरू में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सिद्दीकी (66) की हत्या का जिम्मा सौंपा गया था.
पुलिस के अनुसार, अपराध में प्रयुक्त पिस्तौल कनौजिया और एक अन्य आरोपी भगवत सिंह ओम सिंह राजस्थान से लाए थे. उन्होंने बताया कि अपराध को अंजाम देने के लिए 50 लाख रुपये की मांग पर असहमति और बाबा सिद्दीकी के प्रभाव को देखते हुए यह गिरोह डील से पीछे हट गया, लेकिन हमले को अंजाम देने के लिए हथियार और अन्य सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया.
बता दें कि बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर की रात उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के मुंबई के बांद्रा स्थिति दफ्तर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बाबा सिद्दीकी सलमान खान समेत कई बॉलीवुड सिलेब्स के नजदीकी थे. लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने उनकी हत्या की जिम्मेदारी ली थी.
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