हरियाणा में क्यों छिड़ी जुबानी जंग, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट के बाद अब 'दंगल गर्ल' की एंट्री

Written By रईश खान | Updated: Oct 24, 2024, 12:00 AM IST

babita phogat and vinesh phogat

साक्षी मलिक के आरोपों पर बबीता फोगाट ने पलटवार करते हुए कहा कि वह अपनी किताब बेचने के चक्कर में ईमान भी बेच गईं. विनेश फोगाट ने भी उनके बयानों से किनारा कर लिया.

हरियाणा में साक्षी मलिक के बयान से पहलावानों में जुबानी जंग छिड़ गई है. ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने हाल ही में अपनी किताब ‘विटनेस’ के लॉन्चिंग पर दावा किया था कि बबीता फोगाट कुश्ती महासंघ की अध्यक्ष बनना चाहती थीं. उन्होंने ही भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन के लिए पहलवानों को उकसाया था. साक्षी के इस आरोप फोगाट बहनों ने पलटवार किया है. 

बबीता फोगाट ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में साक्षी मलिक पर अपनी किताब बेचने के चक्कर में ईमान बेचने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'खुद के किरदार से जगमगाओ, उधार की रोशनी कब तक चलेगी. किसी को विधानसभा मिला किसी को मिला पद, दीदी तुमको कुछ न मिला हम समझ सकते है तुम्हारा दर्द. किताब बेचने के चक्कर में अपना ईमान बेच गईं.'

विनेश फोगाट बोंली- मैं सहमति नहीं
इससे पहले विनेश फोगाट ने भी साक्षी मलिक के दावों पर अहसमित जताई थी. कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने कहा कि साक्षी मलिक के दावे सही नहीं कि एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट लेने के उनके और बजरंग पूनिया के फैसले से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनका प्रदर्शन कमजोर पड़ा.  विनेश ने कहा कि यह उसकी निजी राय है. मैं इससे सहमत नहीं हूं. जब तक मैं कमजोर नहीं हूं, लड़ाई कमजोर नहीं हो सकती. यह मेरा मानना है. जब तक साक्षी, विनेश और बजरंग जिंदा है, यह लड़ाई कमजोर नहीं हो सकती. 

महावीर सिंह फोगाट का भी आया बयान
वहीं, महावीर सिंह फोगाट का भी इस मामले में बयान आया. उन्होंने साक्षी मलिक के आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया कहा कि उनसे यह सब दीपेंद्र हुड्डा और प्रियंका गांधी कहलवा रही हैं. पहलवानों के धरना प्रदर्शन में तो मैं भी गया था. इसका कोई वास्ता नहीं था. अब तो चुनाव भी हो गए. उन लोगों ने बबिता को खुद ही साथ लिया था, ताकि समझौता हो जाए. बबिता का बृजभूषण शरण सिंह से कोई वास्ता नहीं था. इन लोगों ने बबिता को अपने स्वार्थ के लिए बुलाया था, ताकि समझौता हो जाए. इन लोगों की बात मान ली जाए.

बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण पर महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था. यह मामला अब भी दिल्ली की अदालत में चल रहा है. विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और बबिता फोगाट इस आंदोलन के मुख्य चेहरा थे. 

WFI के निलंबन के बाद एड हॉक कमेटी ने कुश्ती का कामकाज देखना शुरू किया जिसने बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट दी थी, लेकिन साक्षी मलिक ने अपने साथियों के सुझाव के बावजूद ऐसा नहीं करने का फैसला किया था. 

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