अपनी कथाओं और बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले धीरेंद्र शास्त्री उर्फ 'बागेश्वर बाबा' इन दिनों उत्तर प्रदेश मुरादाबाद में प्रवचन कर रहे हैं. कथा के दौरान ही संभल के हरिहर मंदिर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद हरिहर मंदिर को भी खोला जाना चाहिए जिसमें पूजा बंद है. उन्होंने यह भी कह डाला कि मुरादाबाद में नीम करोली बाबा का स्थान है तो इसे मुरादाबाद कहना उचित नहीं. धीरेंद्र शास्त्री ने अपील की है कि मुरादाबाद का नाम बदलकर माधव नगर कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम किसी भी मजहब के विरोध में नहीं हैं, उनका सम्मान है लेकिन है अपने सनातन का सम्मान नहीं छोड़ेंगे और अपने सनातन का अपमान नहीं सहेंगे.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मुरादाबाद में 3 दिनों की श्री हनुमंत कथा का प्रवचन कर रहे हैं. उन्होंने पहले ही दिन अयोध्या, काशी का हवाला देते हुए संभल के हरिहर मंदिर को लेकर बड़ा बयान दे दिया. उन्होंने कहा, "यहां एक पावन धाम है- हरिहर मंदिर लेकिन किसी कारण वश हरिहर मंदिर की पूजा बंद है और आज भी लोग कहते हैं कि भीतर से आवाज आती है. अब वो आवाज यहां तक भी आ गई और अब तो हम कहेंगे उस मंदिर की पूजा भी जल्दी से जल्दी प्रारंभ हो जानी चाहिए."
यह भी पढ़ें- Narayan Murthy ने 4 महीने के बच्चे को गिफ्ट में दे दिए 240 करोड़ के शेयर, जानिए है कौन
क्यों बदलवाना चाहते हैं मुरादाबाद का नाम?
उन्होंने आगे कहा, "अयोध्या में राम जी बैठ गए, काशी में नंदी भगवान निकल आए तो अब हरिहर मंदिर में भी अभिषेक रुद्राभिषेक हो जाना चाहिए. हमको ऐसा लगा कि जिस नगर में सिद्धबली हनुमान हों, हरिहर मंदिर हो, गढ़ गंगा हो, शीतला माता मंदिर हो, कालका माता मंदिर हो, शिव महाराज का मंदिर हो, नीम करोली बाबा का मंदिर हो, गंगा जी जहां प्रकट हुई हों, ऐसे शहर को मुरादाबाद कहने में इन मंदिरों की अवहेलना है, मुरादाबाद को माधव नगर कर देना चाहिए. अब भारत में इतने नाम बदल गए फैजाबाद, अयोध्या हो गया, इलाहाबाद, प्रयागराज हो गया तो मुरादाबाद को माधव नगर कर दिया जाए. कौन सी बड़ी बात है कि उपद्रव हो जाए लेकिन माधव नगर कहने से कई लोगों के पेट में कब्ज हो जाएगी."
यह भी पढ़ें- PM मोदी के 'हनुमान' चिराग पर BJP को भरोसा, चाचा की नाराजगी नहीं हो रही कम
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, "हमारा भाग्य और सौभाग्य है कि हम मुरादाबाद उर्फ माधव नगर आए है. हमें तो अंदर से घिन्नता होती है ये नाम (मुरादाबाद) बोलने में, बुरा न मानना सबकी अपनी अपनी भावना होती है. ऐसा मुरादाबाद है तो अब इसको मुरादाबाद कहना भी उचित नहीं है, हमें ऐसा लगा लेकिन किसी को बुरा लगे तो I M VERY VERY NOT SORRY. हम बहुत स्पष्टवादी हैं इसलिए हम नफरत नहीं प्रेम के आदि हैं और गर्व से कहते हैं हम हिंदुत्ववादी हैं. हम किसी भी मजहब के विरोध में नहीं हैं, उनका सम्मान है लेकिन अपने सनातन का सम्मान नहीं छोड़ेंगे और अपने सनातन का अपमान नही सहेंगे."
DNA हिंदी अब APP में आ चुका है. एप को अपने फोन पर लोड करने के लिए यहां क्लिक करें.
देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.