Parliament में धरना-प्रदर्शन और हड़ताल पर लगाई गई रोक, कांग्रेस ने बता दिया 'विषगुरु'

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Jul 15, 2022, 01:54 PM IST

संसद में तवांग मामले को लेकर हंगामे के आसार हैं. 

Parliament Strike Rules: राज्यसभा ने एक गाइडलाइन जारी करके कहा है कि संसद में किसी भी तरह की हड़ताल, धरना-प्रदर्शन या धार्मिक आयोजनों की अनुमति नहीं है.

डीएनए हिंदी: संसद (Parliament) में कुछ शब्दों का इस्तेमाल न किए जाने संबंधी गाइडलाइन जारी किए जाने पर हंगामा जारी है. इसी बीच राज्यसभा सचिवालय (Rajya Sabha Secretariat) ने अपने बुलेटिन में कहा है कि संसद भवन परिसर में धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या अन्य धार्मिक समारोहों की अनुमति नहीं है. इस फैसले पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरते हुए कांग्रेस ने उसे 'विषगुरु' नाम से संबोधित किया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने ट्वीट में लिखा है कि 'विषगुरु का ताजा प्रहार... धरना मना है.'

धरना, प्रदर्शन को लेकर यह बुलेटिन ऐसे समय में सामने आया है जब एक दिन पहले ही लोकसभा सचिवालय द्वारा असंसदीय शब्दों से जुड़ा एक निर्देश जारी किया गया था. इसको लेकर कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा था. अब मानसून सत्र से ठीक पहले राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी की ओर से जारी बुलेटिन में इस विषय पर सदस्यों से सहयोग का अनुरोध किया गया है. बुलेटिन में कहा गया है, 'सदस्य संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिए नहीं कर सकते.'

यह भी पढ़ें- क्या भारत के बेरोजगार कर सकते हैं इन तीन शब्दों का इस्तेमाल? राहुल गांधी का PM से सवाल 

जयराम रमेश बोले- धरना मना है
कांग्रेस पार्टी के नेता और राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, 'विषगुरु का ताजा प्रहार...धरना मना है.’ उन्होंने इसके साथ 14 जुलाई का बुलेटिन भी साझा किया. एक दिन पहले ही, संसद में बहस आदि के दौरान सदस्यों द्वारा बोले जाने वाले कुछ शब्दों को असंसदीय शब्दों की श्रेणी में रखे जाने के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए कहा था कि सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब 'असंसदीय' माने जाएंगे.

यह भी पढ़ें- राष्ट्रपति चुनाव के बाद टूट जाएंगे कई गठबंधन? जानिए क्यों खतरे में है विपक्षियों की राजनीति 

हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया था कि संसदीय कार्यवाही के दौरान किसी शब्द के प्रयोग को प्रतिबंधित नहीं किया गया है बल्कि उन्हें संदर्भ के आधार पर कार्यवाही से हटाया जाता है. उन्होंने यह भी कहा था कि सभी सदस्य सदन की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं. आपको बता दें कि लोकसभा सचिवालय ने 'असंसदीय शब्द 2021' शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिसमें जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, तानाशाह, भ्रष्ट, ड्रामा, अक्षम, पिट्ठू जैसे शब्द शामिल हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों (Latest News) पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में (Hindi News) पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.