कोलकाता के आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल (RG Kar Medical Hospital) में डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर केस के बाद पूरे प्रदेश में भारी बवाल मचा हुआ है. देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे विरोध-प्रदर्शन और राज्य की जनता के आक्रोश को देखते हुए बंगाल सरकार ने आनन-फानन में अपराजिता बिल (Aparajita Bill) पारित किया था. हालांकि, अब इस बिल पर भी राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. राज्यपाल ने बिल की तकनीकी खामियां गिनाते हुए बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दिया है.
अपराजिता बिल की राज्यपाल ने गिनाई खामियां
डॉक्टर के साथ रेप और हत्या (Kolkata Rape And Murder Case) के बाद कोलकाता ही नहीं पूरे बंगाल में प्रदर्शन हो रहे हैं. भारी विरोध और राजनीतिक बवाल के बीच बंगाल सरकार ने अपराजिता बिल पेश किया था. अब बंगाल के राज्यपाल ने इस बिल की तकनीकी खामियां गिनाते हुए इसे राष्ट्रपति के पास भेजा है. राज्यपाल सचिवालय की ओर से जारी बयान में बिल का अनुवाद उपलब्ध नहीं कराने, डिबेट और विधानसभा से पास किए जाने के तरीके पर नाराजगी जाहिर की है.
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बता दें कि अपराजिता बिल पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रुख बेहद आक्रामक रहा है. उन्होंने राज्यपाल को धमकी देने के अंदाज में कहा था कि अगर बिल पास नहीं होता है तो वह राजभवन के बाहर धरना देंगी. इस बिल में बलात्कारी को फांसी, आजीवन उम्रकैद की सजा समेत कई प्रावधान किए गए थे. हालांकि, बिल पेश करने और विधानसभा में पारित किए जाने के तरीके को लेकर प्रदेश की राजनीति में जमकर बवाल हुआ था.
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