West Bengal: आज के दौर में, जब बालों का झड़ना लोगों के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है. हालात ऐसे हैं कि लोग दुआ करते हैं कि काश सिर पर उगने वाले घास के मैदान वापस आ जाएं. अब तो शादी-ब्याह के मामलों में भी यह मुद्दा ऐसे सामने आ जाता है, जैसे बालों के बिना जीवन ही अधूरा है. लड़की पक्ष अब नौकरी और बैंक बैलेंस के साथ-साथ यह भी देख लेता है कि सिर पर कितने बाल बचे हैं. इसी गंजेपन की त्रासदी के बीच, बंगाल से एक ऐसी खबर आई है जिसने कम बाल वाले लोगों को थोड़ी राहत जरूर दी होगी. तृणमूल कांग्रेस के नेता और केनिंग ईस्ट विधानसभा के विधायक शौकत मोल्ला ने गंजों के हौसले को एक नया मोड़ दिया है.
दरअसल, बंगाल से तृणमूल कांग्रेस के नेता और केनिंग ईस्ट विधानसभा के विधायक शौकत मोल्ला ने बुधवार को एक अनोखी पहल के तहत 100 गंजे पुरुषों का सम्मान किया. यह आयोजन जीवंतला बाजार में आयोजित किया गया, जहां सैकड़ों गंजे लोगों को बुलाकर उन्हें फूल और उपहार दिए गए. इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाना था जो अपने गंजेपन, मोटापे, या अन्य शारीरिक विशेषताओं के कारण अक्सर समाज की धारणाओं के शिकार होते हैं.
गंजापन बुद्धिमता कि पहचान
कार्यक्रम के बाद शौकत मोल्ला ने कहा, 'मैं कम बालों वाले लोगों को बुद्धिजीवी मानता हूं. उनका गंजापन उनकी बुद्धि का प्रतीक है और उन्हें समाज में सम्मान मिलना चाहिए.' यह पहल खासकर उन लोगों के लिए था, जो अक्सर बालों की कमी के कारण आत्मसम्मान में कमी महसूस करते हैं और कई समय तो ऐसे लोग किसी कार्यक्रम में भी जाने से हिचकिचाते हैं.
सम्मान पाकर जताया आभार
इस पहल का कुछ ऐसा असर हुआ कि एक समय जो लोग गंजे लोगों का मजाक उड़ाते थे. इस समारोह के बाद स्थानीय लोग भी उनका सम्मान करने लगे. इस कार्यक्रम में सम्मानित तरुण मोंडल ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, 'मैंने अपने बाल बचाने के लिए न जाने कितने उपाय किए, लेकिन कुछ काम नहीं आया. अब 40 की उम्र में पूरी तरह गंजा हो गया हूं. विधायक शौकत मोल्ला की इस पहल ने हमें आत्मविश्वास दिया है और हम इसके लिए उनके आभारी हैं.
विधानसभा क्षेत्र में होगा विस्तार
शौकत मोल्ला ने बताया कि इस आयोजन का मकसद उन लोगों को प्रेरित करना था, जो शारीरिक विशेषताओं के कारण सामाजिक पक्षपात का सामना करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि ईश्वर ने हमें जो दिया है, वह उपहार है. विधायक जी ने बताया कि यह कार्यक्रम फिलहाल दो पंचायतों में शुरू किया गया है, लेकिन आने वाले समय में इसे पूरे विधानसभा क्षेत्र में लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'हम सभी को इस बात से ऊंचा महसूस करना चाहिए कि हमें जो मिला है, वह खास है. यह पहल समाज में व्याप्त नकारात्मक धारणाओं को बदलने की ओर एक छोटा सा कदम है.
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बहरहाल, इस समारोह के बाद अब जिनके बाल काफी कम हो गए हैं या गंजेपन के काफी करीब पहुंच चुके हैं, वो लोग यह सोच सकते हैं कि बाल न सही, सम्मान तो है. अगली बार जब कोई मजाक उड़ाए, तो कह सकते हैं, हम गंजे नहीं, समाज के नायक हैं, जिन्हें विधायक ने सम्मानित किया है. यह अनोखा कार्यक्रम न सिर्फ गंजेपन से जुड़े सामाजिक धारणाओं को चुनौती देता है, बल्कि समाज के हर वर्ग को यह संदेश देता है कि आत्मसम्मान का संबंध बाहरी रूप से नहीं, बल्कि भीतर से होता है.
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