कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु इस समय जल संकट (Bengaluru Water Crisis) से जूझ रही है. आलम ये है कि लाखों लोग बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हैं. हालात डरावने होते जा रहे हैं. सोसायटियों और कॉलोनियों में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है. इस बीच पानी की कमी की वजह से कई जगह स्कूल और कोचिंग सेंटर बंद किए गए हैं. सिद्धरमैया सरकार इस समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रयास कर रही है.
बेंगलुरु के विजयनगर स्थित एक कोचिंग सेंटर ने अपने छात्रों को जल संकट के कारण एक सप्ताह के लिए ऑनलाइन क्लास लेने के लिए कहा है. ठीक इसी तरह शहर के बन्नेरघट्टा मार्ग स्थित एक स्कूल को भी बंद कर दिया गया और विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षाएं लेने का निर्देश दिया है. साल 2023 में बारिश की कमी के कारण पूरा कर्नाटक, विशेष रूप से बेंगलुरु हाल के वर्षों में जल संकट की सबसे खराब स्थिति का सामना कर रहा है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कम बारिश के लिए अल नीनो प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया है. स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बेंगलुरु के कुमारकृपा रोड स्थित कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के कार्यालय में भी पानी के टैंकर देखे गए हैं. वहीं,डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरु के सदाशिवनगर में उनके घर का बोरवेल पहली बार पूरी तरह से सूख गया है, जबकि यह (घर) सदाशिवनगर सैंकी झील के बगल में स्थित है.
2000 रुपये तक वसूल रहे पानी के टैंकर
बेंगलुरु की सड़कों पर पानी के टैंकर को चक्कर लगाते देखना अब आम हो चला है. डिप्टी सीएम के अनुसार, सामान्य दिनों में पानी की आपूर्ति करने वाला एक टैंकर 700 से 800 रुपये लेता था, लेकिन अधिक मांग होने के कारण अब टैंकर की 1800 से 2000 रुपये वसूल रहा है.
बेंगलुरु के उत्तरहल्ली के रहने वाले शरशचंद्र ने कहा कि हमारे परिवार में छह सदस्य हैं. उचित तरीके से इस्तेमाल करने पर पानी का एक टैंकर 5 दिनों तक चलता है. इसका मतलब है कि हमें एक महीने में 6 टैंकर पानी की जरूरत होती है, जिसके लिए हमें प्रति माह लगभग 9000 रुपये खर्च करने होंगे. हम कब तक इस तरह से पैसा खर्च करें?'
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बेंगलुरु विकास प्रभारी का जिम्मा संभाल रहे उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बेंगलुरु में पानी की मांग को पूरा करने के लिए निजी टैंकर और निजी बोरवेल को अपने कब्जे में लेने की घोषणा की. उन्होंने यह भी कहा कि पानी की आपूर्ति के लिए दूध के टैंकरों का भी उपयोग किया जाएगा. सरकार प्रति टैंकर पानी की दर तय करने पर भी विचार कर रही है.
सरकार ने जारी किया Helpline Number
सीएम सिद्धरमैया ने कर्नाटक की 136 तालुका में से 123 को सूखाग्रस्त घोषित किया है और 109 गंभीर रूप से जल संकट का सामना कर रही हैं. कर्नाटक सरकार ने जल संकट के समाधान के लिए कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. पानी की आपूर्ति और मवेशियों के लिए चारे की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र के विधायक के नेतृत्व में तालुका स्तर पर कार्य बल का गठन किया गया है.
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