संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी यानी शुक्रवार के दिन भारत बंद का ऐलान किया है. यह भारत बंद मुख्य रूप से ग्रामीण भारत पर केंद्रित रहेगा. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अब यह भी कहा है कि हाइवे को बंद नहीं किया जाएगा क्योंकि बच्चों की परीक्षाएं होनी हैं. वहीं, कई व्यापारिक संगठनों ने भी खुद को इससे अलग करते हुए ऐलान कर दिया है कि वे कारोबार बंद नहीं करेंगे. शुरुआत में कहा गया था कि सभी दुकानों, संस्थानों, सब्जी और अनाज मंडियों में कामकाज बंद रखने के साथ-साथ रास्तों पर चक्का जाम भी किया जाएगा. हालांकि, अब इसमें बदलाव हो गया है.
शुक्रवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं और किसानों द्वारा कुल 9 जगहों पर 10 से 12 बजे के लिए रोड जाम किया जायेगा लेकिन भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के द्वारा यह अपील भी की गई है कि इस बंद के दौरान रास्ते में किसी को डिस्टर्ब नहीं किया जाएगा क्योंकि बच्चों के पेपर भी हैं और वे इधर-उधर दूसरे जनपदों में भी जाएंगे. इस बंद के दौरान कार्यकर्ता सड़क पर बैठकर शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मीटिंग करेंगे.
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शुक्रवार को क्या-क्या रहेगा बंद?
किसानों की ओर से शुरुआत में कहा गया था कि 16 फरवरी को सब्जियों और अन्य फसलों की आपूर्ति, खरीद और बिक्री निलंबित रहेगी. सब्जी मंडियों, अनाज मंडियों, सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरों, ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी संस्थानों और निजी प्रतिष्ठानों को बंद रखा जाएगा. साथ ही, शहरों की दुकानों और प्रतिष्ठानों को भी बंद रखा जाएगा. हालांकि, अब कई व्यापारिक संगठनों ने इस बंद से खुद को अलग कर लिया है.
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SKM के बयान के मुताबिक, प्राइवेट और सरकारी गाड़ियां भी नहीं चलेंगी. सिर्फ एंबुलेंस, शव वाहन, शादी के लिए जा रही गाड़ियों, अस्पतालों, अखबार वाली गाड़ियों, परीक्षा देने जाने वाले स्टूडेंट्स की गाड़ियों और अन्य इमरजेंसी सेवाओं के लिए ही रास्ता खोला जाएगा.
कैसे होगा बंद का आयोजन?
राकेश टिकैत ने कहा कि कल ग्रामीण भारत बंद है जिसका मतलब है कि किसान कल खेत में न जाएं क्योंकि यह एक किस्म से वैचारिक बंद है, जिसके चलते यह ग्रामीण भारत बंद का एक नया ट्रायल किया जा रहा है. राकेश टिकैत ने यह अपील भी की है कि कल गांव के लोग शहर ना जाएं और कल वे कुछ खरीदारी भी ना करें और खेत में काम भी ना करें. यह एक नया ट्रायल है. इसका जो फिर रिजल्ट आएगा उसके बाद ही यह फैसला लिया जाएगा कि इसके तहत आगे कैसे बढ़ना है.
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संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, कॉर्पोरेट लूट को खत्म करने, खेती-किसानी बचाने और भारत बचाने के लिए यह बंद आयोजित किया जा रहा है. इसके तहते गांवों में सभी कृषि गतिविधियों को बंद रखा जाएगा, मजदूर वर्ग के लोग मनरेगा कार्यों में शामिल नहीं होंगे और ग्रामीण कार्यों को बंद रखा जाएगा. इस दौरान कोई भी किसान, खेतिहर मजदूर या ग्रामीण क्षेत्र का मजदूर काम पर नहीं जाएगा.
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