एनसीईआरटी के सिलेबस और किताबों में कुछ चैप्टर बदलाव को लेकर जारी बहस के बीच इंडिया बनाम भारत (India Vs Bharat) विवाद भी शुरू हो गया है. हालांकि, इस पूरे विवाद पर विराम लगाते हुए एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि इंडिया बनाम भारत का विवाद बेमानी है.एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों में "भारत" और "इंडिया" दोनों का इस्तेमाल किया जाएगा. ये दोनों ही शब्द संविधान में देश के लिए इस्तेमाल किया गया है. परिषद को भारत या इंडिया दोनों में से किसी शब्द से कोई ऐतराज नहीं है.
इंडिया बनाम भारत विवाद पर लग जाएगा विराम
लोकसभा चुनाव के समय से ही ऐसी चर्चा थी कि सरकार इंडिया शब्द को हटाने पर विचार कर रही है. कुछ मीडिया समूहों में ऐसी खबर भी प्रकाशित की गई थी जिसमें दावा किया गया था कि एनसीईआरटी की किताबों से इंडिया शब्द हटाया जाएगा. हालांकि, अब परिषद की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि जैसा कि संविधान में भी दोनों शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, वैसे ही इंडिया और भारत दोनों का इस्तेमाल किताबों में किया जाएगा.
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समिति ने भारत नाम की सिफारिश की थी
एनसीईआरटी की ओर से पिछले साल सामाजिक विज्ञान की किताबों और सिलेबस पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई गई थी. इस समिति की अध्यक्षता सी आई इसाक ने की थी. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि समिति ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है कि इंडिया के स्थान पर भारत शब्द का ही प्रयोग होना चाहिए.
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जी-20 सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति का एक पत्र सामने आया था जिसमें इंडिया के बजाय भारत लिखा था. हालांकि, एनसीईआरटी ने स्पष्ट कर दिया था कि सभी सिफारिशों को मानने के लिए परिषद बाध्य नहीं है. इंडिया शब्द हटाने पर विपक्षी दलों ने सख्त प्रतिक्रिया दी थी.
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