डीएनए हिंदी: राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) दो दिन के लिए रोक दी गई है. राहुल गांधी ब्रेक लेकर दिल्ली पहुंच गए हैं. कांग्रेस की यह यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर की राजधानी इंफाल से शुरू हुई थी और अब पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में प्रवेश कर चुकी है. राहुल गांधी ने कूचबिहार में एक रोडशो किया और फिर दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेता शुभांकर सरकार ने बताया, ‘राहुल गांधी एक विशेष उड़ान से अलीपुरद्वार के हासीमारा हवाई अड्डे से नई दिल्ली के लिए रवाना हुए. उन्हें कुछ जरूरी काम था. उन्होंने कहा कि अवकाश के बाद यात्रा 28 जनवरी को फिर से शुरू होगी. राहुल गांधी तब तक वापस आ जाएंगे और इसमें शामिल होंगे. अवकाश के बाद यात्रा पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर और दार्जिलिंग जिलों से होकर गुजरेगी.
बिहार में कब प्रवेश करेगी यात्रा?
राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याय यात्रा 29 जनवरी को बिहार में दाखिल होगी. यात्रा 31 जनवरी को मालदा के रास्ते पश्चिम बंगाल में फिर से प्रवेश करेगी और एक फरवरी को राज्य से प्रस्थान करने से पहले यह कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले मुर्शिदाबाद से होकर गुजरेगी. कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 15 राज्यों के 110 जिलों से होते हुए 20 या 21 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी.
असम में हुआ काफी बवाल
भारत जोड़ो न्याय यात्रा आज यानी गुरुवार को असम में अपना पड़ाव पूरा किया. राज्य में आठ दिनों तक चली यात्रा के दौरान राहुल गांधी और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के बीच काफी तीखे नोंकझोंक देखने को मिली. राहुल गांधी ने यात्रा की शुरुआत में ही हिमंत सरमा को ‘भारत का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री’ करार दिया था. जिसके जवाब में असम सीएम ने पलटवार किए और यात्रा सुर्खियों में छा गई. असम में यात्रा के दाखिल होने के साथ ही उस वक्त इसे रुकावटों का सामना करना पड़ा जब जोरहाट और धेमाजी में रात्रि विश्राम के लिए दो सार्वजनिक मैदानों की अनुमति रद्द दी गई
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कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया और भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार पर अलोकतांत्रिक रवैया अपनाने का आरोप लगाया. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान उस वक्त नाटकीय घटनाक्रम को देखने को मिला जब 22 जनवरी को राहुल गांधी को असम के नौगांव जिले में वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान की ओर जाने से रोक दिया गया था. उसी दिन अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित हुआ था. धार्मिक स्थल पर जाने से रोके जाने के बाद राहुल गांधी वहां धरने पर बैठ गए थे. 18 जनवरी को जब यात्रा नागालैंड से असम में दाखिल हुई तो राहुल गांधी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य में शायद देश की सबसे भ्रष्ट सरकार और सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हैं.
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