Bharat Jodo Yatra Controversy: पटना पहुंची भारत जोड़ो यात्रा में मारपीट, गुरुद्वारा पटना साहिब में घुसने को लेकर कांग्रेसियों में चले लात-घूंसे, देखें VIDEO

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Feb 10, 2023, 07:30 PM IST

Bharat Jodo Yatra Clash: पटना के गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब में आपस में भिड़ते कांग्रेस कार्यकर्ता.

Patna News: गुरुद्वारे में घुसने को लेकर शुरू हुए विवाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के सामने ही आपस में जमकर मारपीट की है.

डीएनए हिंदी: Bihar News- कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े विवाद (Bharat Jodo Yatra Controversy) खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. बिहार की राजधानी पटना पहुंची यात्रा शुक्रवार को तब विवादों में घिर गई, जब कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में ही कुत्ते-बिल्लियों की तरह लड़ पड़े. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच यह मारपीट गुरुद्वारा पटना साहिब तख्त श्री हरमिंदर जी (Gurudwara Patna sahib Takhat Sri Harminder ji) में घुसने को लेकर हुई. मारपीट के दौरान एक-दूसरे को जान से मारने की धमकी भी दी गई. इस दौरान मौके पर मौजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह और प्रदेश विधायक दल के नेता अजीत शर्मा लड़ने वाले कार्यकर्ताओं को रोकते रहे, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

गुरुद्वारे में मत्था टेकने का था कार्यक्रम  

भारत जोड़ो यात्रा के पटना शहर में तय शेड्यूल में गुरुद्वारे में मत्था टेकने का भी कार्यक्रम था. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गुरुद्वारे में अंदर जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं शम्मी कपूर और पप्पू त्रिवेदी के बीच पहले मौखिक झड़प शुरू हुई, जो इसके बाद मारपीट में बदल गई. दोनों के समर्थक भी आपस में लड़ने लगे. गुरुद्वारे में मौजूद पुलिस अफसर उन्हें रोकने की कोशिश करते रहे, लेकिन वे गाली-गलौच देते हुए लड़ते रहे. आपस में जमकर लात-घूंसे भी चलाए. बाद में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष राजकुमार राजन ने विवाद को किसी तरह शांत कराया.

मारपीट देख गुरुद्वारे से निकल गए प्रदेश अध्यक्ष

कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट होता देखकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने पहले उन्हें रोकने की कोशिश की. फिर भी मामला शांत नहीं होने पर वे तेजी से गुरुद्वारे से बाहर चले गए. बताया जा रहा है कि कार्यकर्ताओं के बीच विवाद वीआईपी दर्शन को लेकर था. विवाद में शामिल एक पक्ष यात्रा के साथ आए बाहरी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का था, जबकि दूसरा पक्ष स्थानीय कार्यकर्ताओं का था. स्थानीय कार्यकर्ताओं ने यात्रा में शामिल वरिष्ठ नेताओं के लिए मत्था टेकने की वीआईपी व्यवस्था करा रखी थी. इसे ही लेकर विवाद शुरू हुआ था. 

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