डीएनए हिंदी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) दिल्ली पहुंच चुकी है. इसके चलते दिल्ली की खून जमा देने वाली ठंड के बीच भी सियासी पारा काफी गर्म हो गया है. कोरोना (Covid BF.7 Variant) के बढ़ते प्रभाव के बीच केंद्र सरकार ने राहुल को यात्रा बंद करने का सुझाव दिया है. इन सबके बीच आज राहुल ने एक मास्टरस्ट्रोक चलने का प्लान बनाया है क्योंकि वे आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी (Atal Bihari Vajpayee) की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. अटल सत्ताधारी बीजेपी के संस्थापक अध्यक्ष के साथ ही पार्टी के आदर्श माने जाते हैं.
दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने बताया है कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल गांधी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एवं लाल बहादुर शास्त्री की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. इसमें सबसे अहम यह है कि राहुल बीजेपी के दिग्गज नेता रह चुके अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल पर जाकर भी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
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राहुल गांधी अपने इस कदम से यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वे सभी दलों के नेताओं का सम्मान करने की भावना रखते हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि बीजेपी चीन से लेकर कश्मीर तक के मुद्दे पर भी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराती रही है, जिसको लेकर बीजेपी को भी खूब ट्रोल किया जाता रहा है.
बता दें कि दें कि वन रैंक वन पेंशन को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है. ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा के दिल्ली पहुंचने पर कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा रक्षा बलों के कर्मियों एवं परिवार पेंशनधारकों के लिए ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने को सही बताया है. कांग्रेस ने कहा है कि यह फैसला ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का असर है, क्योंकि इस निर्णय से दो दिन पहले ही कई पूर्व सैनिकों ने ओआरओपी के मुद्दे पर राहुल गांधी से मुलाकात की थी.
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इस मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने दावा किया कि उस OROP योजना को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है, जिसकी घोषणा UPA ने की थी. उन्होंने कहा है कि कल रात केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें फैसला लिया गया कि पूर्व सैन्यकार्मियों का बकाया दिया जाएगा. कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर ओआरओपी के विषय पर मार्च 2023 तक का समय मांगा था.
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