भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर हमला करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार, एक हमलावर 15 दिन पहले ही जेल से हुआ था रिहा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 01, 2023, 07:29 PM IST

Bhim Army Chief chandrashekhar

Bhim Army Chief Attacked: यूपी के देवबंद में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर उस वक्त जानलेवा हमला हुआ था जब वो एक संत की मृत्यु होने पर उनके अंतिम दर्शन में जा रहे थे.

डीएनए हिंदी: भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद पर हमला करने के वाले चार हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हरियाणा स्पेशल टास्क फोर्स ने उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर अंबाला के शहजादपुर के एक ढाबे से चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए हमलावरों में तीन देवबंद के ग्राम रणखंडी के रहने वाले हैं, जबकि एक हरियाणा का है. जिसने उतराखंड में एक जेलर पर जानलेवा हमला किया था. आरोपी 15 दिन पहले ही जेल से रिहा हुआ था.

आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले विकास, प्रशांत और लोविश के रूप में हुई है. जबकि चौथा आरोपी विकास हरियाणा के करनाल का निवासी है. अंबाला एसटीएफ यूनिट डीएसपी अमन कुमार ने बताया कि आरोपियों को यूपी पुलिस को सौंप दिया गया है. फिलहला यह बात स्पष्ट नहीं हो सकी है कि आरोपी अंबाला में किसी ठिकाने पर रह रहे थे या किसी से मिलने आए थे. उनके पास से कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है.

चंद्रशेखर की गाड़ी पर हुई थी फायरिंग
बता दें कि 28 जून को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमला हुआ था. चंद्रशेखर की गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी. इसमें एक गोली चंद्रशेखर की कमर के छूकर निकल गई थी. भीर्म आर्मी चीफ को आनन फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां 29 जून को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई.

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'हमले करने के पीछे थी बड़ी साजिश'
चंद्रशेखर ने बताया कि हमला करने वालों ने कई राउंड फायरिंग की. जो शीशा तोड़ते हुए मेरी सीट में लगी. इनमें से एक गोली मेरी कमर को छूते हुए निकल गई. जिस गाड़ी से गोली चल रही थीं वह मुझसे पीछे चल रही थी. भीम आर्मी चीफ ने कहा कि यह जानना चाहता हूं कि मुझ पर हमला करने वाले कौन थे और मेरे मरने से किसे लाभ मिलता. मेरी गाड़ी पर जिस जगह हमला हुआ वह गुर्जर समाज का गांव है. मुझे लगता है कि साजिशकर्ता इस हमले के अंजाम देकर दलित और गुर्जरों में झगड़ा कराना चाहते थे. अगर मैं अपील नहीं करता तो हालात बिगड़ सकते थे.

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