लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट पर भी वोट डाले जाएंगे. लगातार 9 बार से इस सीट पर चुनाव जीत रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस बार अपनी मौजूदा सांसद प्रज्ञा ठाकुर का टिकट काटकर पुराने कार्यकर्ता आलोक शर्मा को चुनाव में उतारा है. हर चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर बड़े अंतर से जीत हासिल की है इसके चलते भोपाल को बीजेपी के लिए सुरक्षित सीट माना जाता है. पिछली बार कांग्रेस ने प्रज्ञा ठाकुर के मुकाबले दिग्विजय सिंह को चुनाव में उतारा था लेकिन वह ढाई लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे.
पिछले लोकसभा चुनाव में यहां 14 लाख से ज्यादा वोट डाले गए थे. इसमें से 61.5 प्रतिशत यानी 8.66 लाख वोट प्रज्ञा ठाकुर को मिले थे. वहीं, दूसरे नंबर पर रहे दिग्विजय सिंह को 35.6 प्रतिशत यानी 5.01 लाख वोट मिले थे. 2014 में भी बीजेपी उम्मीदवार आलोक संजर को कांग्रेस के पी सी शर्मा से दोगुने वोट मिले थे.
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दिग्गजों का क्षेत्र रहा है भोपाल
भोपाल एक ऐसी सीट रही है जहां से कई दिग्गज सांसद रह चुके हैं. देश के राष्ट्रपति रहे शंकर दयाल शर्मा 1971 और 1980 में इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे. उनके अलावा उमा भारती, कैलाश जोशी, आलोक संजर और प्रज्ञा ठाकुर जैसे नेता संसद में मध्य प्रदेश की राजधानी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
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इस सीट पर मुस्लिमों की आबादी 40 फीसदी के आसपास है. मौजूदा समय में कुल 8 विधानसभा में से 6 पर बीजेपी और 2 पर कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस के दोनों विधायक भी मुस्लिम ही हैं. पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी लेकिन भोपाल गैस त्रासदी के बाद यहां बीजेपी जीतने लगी और फिर कभी बीजेपी नहीं जीत पाई.
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