Bhupesh Baghel और टीएस सिंहदेव पहुंचे दिल्ली, कांग्रेस का हाई कमान खत्म करा पाएगा झगड़ा?

Written By नीलेश मिश्र | Updated: Jul 23, 2022, 11:32 PM IST

दिल्ली पहुंच गए हैं दोनों नेता

T S Singh Deo vs Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के झगड़े को सुलझाने के लिए भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव दिल्ली पहुंच गए हैं. यहां ये दोनों कांग्रेस हाई कमान से मुलाकात करेंगे.

डीएनए हिंदी: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के कैबिनेट सहयोगी टीएस सिंहदेव (T S Singh Deo) ने हाल ही में एक मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था. टीएस सिंहदेव ने अपने इस्तीफे में साफतौर पर नाराजगी भी जाहिर की थी. अब ये दोनों ही नेता दिल्ली पहुंच गए हैं. कहा जा रहा है कि दोनों ही नेता कांग्रेस (Congress) हाई कमान से मिलेंगे. कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि हाई कमान छत्तीसगढ़ कांग्रेस के इस झगड़े को सुलझाने में कामयाब होगी और किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचा जा सकेगा. आपको बता दें कि लंबे समय से टीएस सिंहदेव अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हैं.

शनिवार को हुए इस घटनाक्रम से पता चलता है कि विधानसभा चुनाव से एक साल पहले दोनों कांग्रेस नेताओं के बीच अंतर्कलह और तेज हो रही है. हिमाचल प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किए गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वह रविवार को दिल्ली में पार्टी के नेताओं से मिलेंगे. दिल्ली रवाना होने से पहले भूपेश बघेल ने कहा, 'मैं दिल्ली में पार्टी नेताओं से मिलूंगा. मैं कल हिमाचल प्रदेश के अपने नेताओं से भी मिलूंगा.'

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टीएस सिंहदेव ने मंत्रालय से दे दिया था इस्तीफा
इस बीच, टीएस सिंहदेव भी भोपाल से दिल्ली के लिए रवाना हुए और वह कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे. उनके करीबी सूत्रों ने यह जानकारी दी. टीएस सिंहदेव ने यह संकेत देते हुए 16 जुलाई को पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री के अपने पद से इस्तीफा दे दिया था कि उन्हें राज्य सरकार में अलग-थलग कर दिया गया है. मुख्यमंत्री को लिखे अपने चार पन्नों के त्यागपत्र में सिंहदेव ने दावा किया था कि वह वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए जन घोषणा पत्र (चुनाव घोषणापत्र) के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में असमर्थ हैं. 

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आपको बता दें कि जून 2021 में, बघेल और सिंहदेव के बीच कुछ समय के लिए प्रतिद्वंद्विता तब सामने आई थी जब बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में ढाई साल पूरे किए थे. सिंहदेव के समर्थकों ने दावा किया था कि 2018 में हुई सहमति के अनुसार, बघेल के आधा कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्हें (सिंहदेव) मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करना था. 

केंद्रीय एजेंसियों पर बरसे भूपेश बघेल
भूपेश बघेल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) जैसी सभी केंद्रीय एजेंसियों के लिए सम्मान है लेकिन ईडी केवल उन जगहों पर छापेमारी करती है, जहां गैर-भाजपा सरकार हैं. उन्होंने कहा, 'वे छत्तीसगढ़ भी आते हैं... नेशनल हेराल्ड (समाचार पत्र) में कोई वित्तीय अनियमितता नहीं थी लेकिन वह इसकी जांच कर रही है.'

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सीएम भूपेश बघेल ने कहा, 'छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों ने (भाजपा शासन के दौरान) गरीबों से 6,500 करोड़ रुपये लूटे और फरार हो गईं. एजेंसी इसकी जांच क्यों नहीं करती? हमने पहल की और निवेशकों को 40 करोड़ रुपये लौटाए.' उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके परिवार के सदस्य कथित रूप से (चिटफंड कंपनियों के) ब्रांड एंबेसडर थे और अदालत के निर्देश पर उनके बेटे (अभिषेक सिंह) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. बघेल ने कहा कि चूंकि प्राथमिकी दर्ज हुई है, इसलिए ईडी को इसकी जांच करनी चाहिए.

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