डीएनए हिंदी: प्रभास और कृति सेनन स्टारर फिल्म 'आदिपुरुष' देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो तो चुकी है, लेकिन इसको लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. आरोप है कि फिल्म में भगवान राम के साथ और रामायण की मूल भावनाओं के साथ मजाक किया गया है. यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर फिल्म के कुछ हिस्सों को हटाने की मांग गई है. वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी फिल्म को डॉयलॉग को लेकर आपत्ति जताई है. उन्होंने राज्य में फिल्म को बैन करने के भी संकेत दिए हैं.
भूपेश बघेल ने शनिवार को फिल्म 'आदिपुरुष' की आलोचना करते हुए इसे भगवान राम और हनुमान की छवि को खराब करने का प्रयास बताया और पूछा कि खुद को धर्म का 'ठेकेदार' कहने वाले राजनीतिक दल इस पर चुप क्यों हैं? बघेल ने फिल्म के डायलॉग को आपत्तिजनक बताते हुए इसकी निंदा की और कहा कि अगर लोग मांग करेंगे तब सरकार राज्य में इसे प्रतिबंधित करने पर विचार करेगी.
'भगवान राम और हनुमान की छवि बदलने का प्रयास'
उन्होंने कहा कि आजकल हमारे जितने भी आराध्य देव हैं उनकी छवि बिगाड़ने का काम हो रहा है. हमने भगवान राम और हनुमान के कोमल चेहरे को भक्ति में सराबोर देखा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इस छवि को बदलने का प्रयास किया जा रहा है. बचपन से ही हमारे सामने हनुमान को ज्ञान, शक्ति और भक्ति के प्रतीक के रूप में पेश किया जाता रहा है, लेकिन इस फिल्म में भगवान राम को 'युद्धक' (योद्धा) राम और हनुमान को ‘एंग्री बर्ड’ के रूप में दिखाया गया है. बघेल ने कहा ,‘न तो हमारे पूर्वजों ने भगवान हनुमान की ऐसी छवि की कल्पना की है और न ही हमारा समाज इसे स्वीकार करता है. फिल्म में संवाद और भाषा अमर्यादित है. तुलसीदास जी की रामायण में भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में चित्रित किया गया है और सभ्य भाषा का प्रयोग किया गया है. आदिपुरुष में किरदारों के बहुत ही निम्न स्तर के संवाद हैं.'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'आपको याद होगा कि जब राजीव गांधी जी प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने रामानंद सागर जी को बोलकर रामायण सीरियल बनवाया था, जो काफी लोकप्रिय हुआ था. उस समय बाजार बंद हो जाया करते थे. उनके एक-एक शब्द देखिए. आदिपुरुष के बहाने भगवान राम और हनुमान की तस्वीरों को विकृत करने का काम किया गया और पात्रों के मुंह में अभद्र शब्द डाले गए. अगर आज की पीढ़ी देखेगी उस पर क्या प्रभाव पड़ेगा.'
राजनीतिक दल धर्म के ठेकेदार चुप क्यों हैं?
बघेल ने कहा कि फिल्म में बजरंगबली के मुंह से वे शब्द बोलवाए जा रहे हैं जो बजरंग दल के लोग प्रयोग करते हैं. यह पूछना चाहता हूं कि जो राजनीतिक दल धर्म के ठेकेदार बनते हैं वे इस मामले में मौन क्यों हैं. कश्मीर फाइल्स और केरल स्टोरी पर बयान देते रहे भाजपा नेता 'आदिपुरुष' पर खामोश क्यों हैं.' यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस सरकार राज्य में फिल्म पर प्रतिबंध लगाएगी, तब बघेल ने कहा कि यदि लोग इसकी मांग करेंगे तो उनकी सरकार इस पर विचार करेगी. (भाषा इनपुट के साथ)