बिहार के रुपौली उपचुनाव को नीतीश कुमार बनाम तेजस्वी यादव के बीच प्रतिष्ठा का प्रश्न माना जा रहा था. हालांकि, जब नतीजे आए तो यह प्रदेश राजनीति के दोनों बड़े नामों के लिए चौंकाने वाला साबित हो रहा है. इस सीट से आरजेडी की मीसा भारती तीसरे नंबर पर रही हैं और जेडीयू के कलाधर मंडल दूसरे स्थान पर रहे हैं. बाहुबली शंकर सिंह यहां से जीतने में कामयाब हुए हैं. इतना ही नहीं पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव के सारे अनुमान भी धरे रह गए हैं. जानें कौन हैं शंकर सिंह और कैसा रहा है उनका अब तक का राजनीतिक सफर.
कौन हैं बाहुबली शंकर सिंह
शंकर सिंह ने रुपौली विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है. बिहार की राजनीति के लिए वह नया नाम नहीं हैं, लेकिन अब तक सिर्फ एक बार ही विधायक बन सके हैं. साल 2005 में वह रामविलास पासवान की लोजपा पार्टी से विधायक बने थे लेकिन तब सरकार नहीं बन सकी थी और जल्द ही उपचुनाव हुए थे. इस बार उन्हें चिराग पासवान ने टिकट नहीं दिया, तो वह निर्दलीय ही खड़े हो गए थे. रुपौली के आसपास के इलाके में वह समाजसेवा से जुड़े कामों में सक्रिय रहते हैं और उन्होंने घर-घर जाकर जनसंपर्क अभियान चलाया था.
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एनडीए के वोट बैंक में लगाई सेंध
शंकर सिंह जाति से राजपूत हैं और माना जा रहा है कि उन्हें अपनी जाति के अलावा सवर्णों के भी वोट मिले हैं. 13 राउंड की गिनती पूरी होने के बाद शंकर सिंह को 68,070 वोट मिले और दूसरे नंबर पर रहे जदयू प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को 59,824 वोट मिले हैं. राजद की प्रत्याशी और पूर्व विधायक बीमा भारती को सिर्फ 30,619 मत मिले हैं. मतगणना के दौरान छह राउंड तक जदयू के प्रत्याशी कलाधर मंडल आगे चल रहे थे लेकिन उसके बाद शंकर सिंह की बढ़त बनने लगी जिसे उन्होंने आखिरी राउंड तक कायम रखा.
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