बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को दिल्ली पहुंचे. दिल्ली में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की. पिछले एक दशक के अंदर तीन बार पलटी मार चुके नीतीश कुमार से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने एक बार फिर कहा कि अब वह कहीं नहीं जाएंगे और यहीं (एनडीए) में ही रहेंगे. हाल ही में उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया था और बीजेपी के साथ सरकार बना ली थी.
बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने के बाद बीजेपी के शीर्ष नेताओं से नीतीश कुमार की यह पहली मुलाकात थी. इस मौके पर नीतीश कुमार ने दोहराया कि वह अब फिर एनडीए का साथ नहीं छोड़ेंगे. मोदी के साथ अपनी बैठक के बाद नीतीश कुमार ने गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की. चर्चा है कि उन्होंने बिहार से संबंधित शासन और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की.
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12 फरवरी को होना है फ्लोर टेस्ट
जेडीयू चीफ नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में 1995 से बीजेपी के साथ अपने जुड़ाव को याद किया और कहा कि उन्होंने इसे दो बार छोड़ा होगा लेकिन अब ऐसा कभी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, 'अब कभी नहीं. हम यहीं (राजग में) रहेंगे.' यह बैठक नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत का सामना करने से पांच दिन पहले हुई है. नीतीश कुमार ने आठ मंत्रियों के साथ शपथ ली थी, जिनमें बीजेपी और जेडीयू के तीन-तीन मंत्री शामिल थे और मंत्रिपरिषद का विस्तार होना है.
दोनों दलों को लोकसभा चुनाव से पहले कई पेचीदा राजनीतिक मुद्दों से निपटना होगा, जिसमें उनके और उनके छोटे सहयोगियों के बीच चुनाव लड़ने के लिए संसदीय सीटों का वितरण भी शामिल है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू ने बिहार में 17-17 सीट पर चुनाव लड़ा था, जबकि तत्कालीन लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने छह सीट पर चुनाव लड़ा था. एलजेपी अब दो गुटों में बंट गई है.
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एनडीए में अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हैं. सूत्रों ने कहा कि एक विचार यह भी है कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि बिहार विधानसभा को भंग कर दिया जाए ताकि इसका चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ हो सके लेकिन हो सकता है कि बीजेपी इस विचार के प्रति उतनी उत्साहित न हो. सीट-बंटवारे के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने इसे अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि बीजेपी नेता इससे अवगत हैं.
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