डीएनए हिंदी: बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) अपने एक बयान की वजह से चर्चा में हैं. जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) के बारे में बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाएं पढ़ी-लिखी होंगी तभी प्रजनन दर (Birth Rate) कम हो सकती है. नीतीश कुमार ने कहा कि मर्द लोग तो रोज करते रहते हैं लेकिन महिलाओं का पढ़ा-लिखा होना ज़रूरी है. इस बयान पर हंगामे के बाद विपक्षी बीजेपी का कहना है कि एक मुख्यमंत्री से इस तरह की सड़कछाप भाषा की उम्मीद नहीं की जाती है.
वैशाली में एक रैली को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा, "महिलाएं पढ़ लेंगी तभी ये प्रजनन दर घटेगी. असली चीज तो वही है. मर्द लोग जिस तरह से रोज-रोज करते रहते हैं, उनको ध्यान ही नहीं रहता है कि हमको रोज एक बच्चा नहीं पैदा करना है. महिलाएं पढ़ी रहती हैं तो उन्हें सब चीज का ज्ञान हो जाता है कि आखिर इसे कैसे बचाना है."
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बीजेपी ने माफी की मांग
नीतीश कुमार के इसी बयान पर उन्हें घेरते हुए सदन में नेता विपक्ष और बीजेपी विधायक सम्राट चौधरी ने उनका वीडियो ट्वीट किया है. इस ट्वीट में सम्राट चौधरी ने लिखा है, "मुख्यमंत्री श्री कुशासन कुमार जी ने जिन अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया वह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. ऐसे शब्दों का प्रयोग कर वह मुख्यमंत्री पद की गरिमा को कलंकित कर रहे हैं." बीजेपी नेता सुशील मोदी ने मांग की है कि नीतीश कुमार को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
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आपको बता दें कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है. नीतीश कुमार का मानना है कि ऐसे किसी भी कानून की जरूरत नहीं है. वह कहते हैं कि लोगों को शिक्षित करके ही जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सकता है.
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