बिहार का सिवान जिला इन दिनों जहरीली शराब के कहर से गुजर रहा है. जनपद में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. ताजा आंकड़ों के अनुसार ये संख्या अब 32 हो चुकी है. इसकी पुष्टी जिले के एसपी अमितेश कुमार ने की है. इनता ही नहीं जहरीली शराब के असर से कुछ लोगों की आंख की रोशनी भी चली गई है.
कुल 32 लोगों की हुई मौत
इससे पहले भी बुधवार को जिले में 7 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, छपरा में भी जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है. अगर पूरे बिहार की बात करें तो दोनों जनपदों अभी तक जहरीली शराब 32 लोगों को मौत की नींद सुला चुकी है. छपरा के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने बताया कि इसकी जांच के लिए विशेष जांच टीम का गठन किया गया है.
तीन लोगों को किया गया गिरफ्तार
उन्होंने ये भी बताया कि इस मामले से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है और 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही स्थानीय चौकीदार और पंचायत बीट पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है. विभागीय कार्रवाई के तहत मशरक थाना के प्रभारी एवं मशरक क्षेत्र के एएलटीएफ प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
जहरीली शराब पीने के कारण हो रही मौतों को लेकर अब सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इस मामले पर विपक्ष सरकार की कड़ी निंदा कर रहा है. आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि 'जहरीली शराब पीने से लोगों की जान गई है. यह बहुत दुखद और चिंता का विषय है कि शराबबंदी कानून होने के बावजूद बिहार में जहरीली शराब हर बार देखने को मिलती है कि किस तरह जहरीली शराब से लोगों की मौत होती है.'
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